राजेश्वर सिंह का लखनऊ से चुनाव लड़ना IG पत्नी पर पड़ेगा भारी? जानें क्यों चुना सरोजनी नगर
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लखनऊ की सरोजनी नगर सीट पर सुपर कॉप से नेता बनने जा…
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उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने लखनऊ की सरोजनी नगर सीट पर सुपर कॉप से नेता बनने जा रहे राजेश्वर सिंह को प्रत्याशी बनाया है. राजेश्वर सिंह की उम्मीदवारी के साथ सवाल खड़ा होता है कि आखिर उन्होंने अपने गृह जिले सुल्तानपुर की सीट छोड़कर सरोजनी नगर से लड़ना क्यों तय किया और उनके के चुनाव लड़ने के चलते क्या उनकी पत्नी और लखनऊ की आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह को हटना पड़ सकता है?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जॉइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह की वीआरएस मंजूरी के 24 घंटे के अंदर ही बीजेपी ने लखनऊ के सरोजनी नगर से उन्हें टिकट दे दिया. जब राजेश्वर सिंह ने वीआरएस का ऐलान किया था, तब सबसे पहले चर्चा हुई कि वह गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. फिर चर्चा हुई कि राजेश्वर सिंह अपने गृह जनपद सुल्तानपुर के सदर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं, लेकिन सुल्तानपुर की सदर सीट का इतिहास और वोटरों का अंकगणित शायद राजेश्वर सिंह के लिए फिट नहीं था.
मौजूदा समय में सुल्तानपुर सदर सीट बीजेपी के खाते में है. विधायक सीताराम वर्मा हैं. सामाजिक ताने-बाने की बात करें तो इस सीट पर अनुसूचित जाति का बड़ा वोट बैंक है. लगभग 74000 मतदाता अनुसूचित जाति के हैं, 68000 ब्राह्मण, 45000 मुस्लिम, 44000 कुर्मी, 35000 क्षत्रिय, 32000 यादव और 40000 के आसपास अन्य जातियों के मतदाता हैं. जातिगत वोट बैंक के आधार पर अनुसूचित जाति के प्रत्याशी का ही यहां दबदबा रहा है.
अब बात सरोजनी नगर सीट की, जहां से राजेश्वर सिंह चुनाव लड़ेंगे. सरोजनी नगर लखनऊ की वह विधानसभा सीट है जिसमें ग्रामीण और शहरी वोटर दोनों हैं. लखनऊ एयरपोर्ट इसी विधानसभा में आता है. एक जमाने में सरोजनी नगर विधानसभा ग्रामीण विधानसभा मानी जाती थी, लेकिन मौजूदा परिदृश्य में ग्रामीण वोटरों से ज्यादा शहरी वोटरों की संख्या है.
जातिगत वोट बैंक की बात करें तो इस सीट पर दलित वोट बैंक सर्वाधिक पौने दो लाख हैं. दूसरे नंबर पर लगभग 1.5 लाख वोटर ओबीसी हैं, 50000 के लगभग ब्राह्मण वोटर हैं, 70 हजार क्षत्रिय वोटर जबकि लगभग 30000 मुसलमान वोटर हैं. दलित वोट बैंक भले सर्वाधिक हो, लेकिन ब्राह्मण, ठाकुर और वैश्य वोटरों की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है.
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वहीं दूसरी तरफ राजेश्वर सिंह को सरोजनी नगर सीट से प्रत्याशी बनाकर बीजेपी ने मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह की दावेदारी को भी बिना किसी नाराजगी के किनारे कर दिया. पार्टी ने स्वाति सिंह के ‘विरोध’ को देखते हुए ही उनका टिकट काटा, लेकिन पत्नी के जगह दावेदारी कर रहे पति दयाशंकर सिंह को भी टिकट नहीं दिया. दोनों पति-पत्नी के बीच चल रही टिकट पाने की रेस में पार्टी ने तीसरे उम्मीदवार राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है.
राजेश्वर सिंह के टिकट पाने से पत्नी लक्ष्मी सिंह की कुर्सी खतरे में पड़ गई?
सरोजनी नगर से बीजेपी प्रत्याशी राजेश्वर सिंह की आईपीएस पत्नी लक्ष्मी सिंह लखनऊ रेंज की आईजी हैं. हालांकि, सरोजनी नगर विधानसभा पूरी तरह से लखनऊ कमिश्नरेट का हिस्सा है. लखनऊ रेंज का कोई दखल नहीं है, लेकिन जानकार कहते हैं कि अगर विरोधी दलों ने पति के चुनाव लड़ने वाले जिले में पत्नी की तैनाती की शिकायत की, तो चुनाव आयोग को इस शिकायत पर गंभीरता से सोचना पड़ सकता है. ऐसे में संभव है कि लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह का चुनाव आयोग तबादला कर दे.
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