आखिर ये चल क्या रहा है यूपी में...योगी के मंत्री संजय निषाद ने अपने ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा! उठाया ये बड़ा मुद्दा
Uttar Pradesh News : एक तरफ केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की भर्ती में आरक्षण के मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंत्री संजय निषाद ने यूपी में प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक तरफ बीजेपी यूपी में अपने कम सीटें को लेकर मंथन कर रही है तो दूसरी तरफ उसके सहयोगी पार्टी के नेता अपने ही सरकार पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. एक तरफ केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की भर्ती में आरक्षण के मुद्दे को लेकर योगी सरकार पर निशाना साध रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ मंत्री संजय निषाद ने यूपी में प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. यूपी तक से बात करते हुए संजय निषाद ने आरक्षण से लेकर बुलडोजर के मामले तक पर सवाल उठा दिया है.
संजय निषाद ने उठाया आराक्षण का मुद्दा
यूपी तक से बात करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि, 'कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो पिछली सरकारों से प्रेरित हैं. वह अपनी सरकार के हिसाब से काम करते रहते हैं. ऐसा काम करते हैं कि वोटर नाराज हो जाए. वोटर नाराज हो जाएगा तो आप जानते हैं क्या होगा.'उन्होंने आगे कहा कि, '2021 में गोरखपुर में पंचायत उपचुनाव में दो निषाद जीते, 'उनको हरा दिया गया था. घोषणा हो गई लेकिन जब प्रमाण पत्र देना हुआ तो तीसरे नंबर के प्रत्याशी को दे दिया गया.
उन्होंने आगे कहा कि, 'अधिकारियों की वजह से निषादों का आरक्षण रुका हुआ है.अधिकारी कह देते हैं कि दिल्ली का मामला है. अधिकारी आपस में तालमेल कर रहे हैं कि कैसे वाटर नाराज हो जाए और भाजपा का साथ छोड़ दें, जिससे विपक्ष का फायदा हो जाए. निषादों के लिए सपा कांग्रेस ने काम नहीं किया लेकिन अगर भाजपा भी नहीं करेगी तो आखिर निषाद इनके साथ क्यों रहेंगे. इसीलिए 30% निषाद वोटर उदास थे उन्होंने वोट ही नहीं किया है इनके लिए.'
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आखिर यूपी में चल क्या रहा है...
संजय निषाद ने लखनऊ के पंतनगर मामले को लेकर कहा कि, 'बताओ गरीबों के मकान तोड़ने जा रहे थे मालिकाना हक तो दीजिए. ऐसे बहुत अधिकारी हैं, जो सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे हैं. गोरखपुर में चकबंदी चल रही है. मेरे खुद के मामा की लड़की है, उसका घर का नक्शा छोटा है. कब्जा भी सही है. दूसरी चकबंदी में उसे सही करना चाहिए. कागज भी है और हमारे फोन भी गया लेकिन काम उसका उल्टा कर दिया गया. CO के पास फोन गया उसने कहा देख लेंगे, जबकि दूसरे के हक में चकबंदी कर दी. आखिर यह चल क्या रहा है यूपी में.'
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर उन्होंने कहा कि, 'सब का दर्द एक ही है, कुछ अधिकारी हैं जो परेशान कर रहे हैं. ऐसे लोगों को चिन्हित करना होगा जो अंदर से पिछली सरकार के विचारधारा से प्रेरित हैं और वह सरकार के विरोध में काम करते हैं.'
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अखिलेश के ऑफर पर कही ये बात
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के मानसून ऑफर पर संजय निषाद ने कहा कि, विपक्ष के पास बयान बाजी के अलावा कुछ नहीं है केवल भ्रम और भय है फैला रहे हैं. सत्ता तो संगठन की शक्ति से मिलती है और सत्ता से सरकार चलती है तो संगठन के कार्यकर्ता की उम्मीद होती है कि सरकार हमारी है और हमें पूरा सामान मिलना चाहिए. अगर नहीं मिलती है तो कार्यकर्ता समझता है, हमने जो सरकार बनाई है वह गलत है.
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