मीरापुर उपचुनाव में BJP+RLD गठबंधन किसे दे सकता है टिकट? जानें चंद्रशेखर ने कैसे बिगाड़ा सपा का खेल

अक्षय शर्मा

Meerapur by-election News: भाजपा-रालोद गठबंधन से याशिका चौहान को मिल सकता है टिकट. सीट पर सपा, बसपा और आजाद समाज पार्टी के बीच कड़ी टक्कर. जानें मीरापुर के सियासी समीकरण.

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Meerapur by-election News: उत्तर प्रदेश में जल्द ही 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ऐसे में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लेकर विपक्ष ने अपनी कमर कस ली है. जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट भी शामिल है. इस बीच लोगों के मन के कई सवाल हैं. मसलन भाजपा-रालोद गठबंधन इस बार मीरापुर से किसे टिकट दे सकता है और क्या है इस सीट का सियासी समीकरण? इस सवाल का जवाब हासिल करने के लिए यूपी Tak ने पश्चिमी यूपी के वरिष्ठ पत्रकार आस मोहम्मद कैफ से खास बातचीत की. खबर में आगे विस्तार से जानिए उन्होंने हमें क्या-क्या बताया?

भाजपा-रालोद गठबंधन मीरापुर उपचुनाव में किसे दे सकता है टिकट? इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार आस मोहम्मद कैफ ने कहा कि भाजपा-रालोद गठबंधन इस बार याशिका चौहान को टिकट दे सकता है. उन्होंने कहा, "याशिका चौहान का मायका और ससुराल पक्ष दोनों ही राजनीति के बड़े घराने रहे हैं. तमाम समीकरणों को देखते हुए शिक्षित और कद्दावर परिवार की महिला पर दांव लगाने की तैयारी मे भाजपा-रालोद गठबंधन लग रहा है."

 

 

मीरापुर सीट का वर्तमान सियासी गणित क्या है?

आस मोहम्मद कैफ ने कहा, "पश्चिमी यूपी की मीरापुर हॉट सीट बन गई है. मीरापुर का सीएम योगी समेत कई बड़े नेता दौरा कर चुके हैं. भाजपा-रालोद के बीच गठबंधन में ये सीट रालोद के पाले में है. मगर भाजपा अपनी पूरी ताकत से इस सीट को जीतना चाहती है. इस सीट पर सपा को बसपा और आजाद समाज पार्टी ने बड़ी चुनोती दे दी है. इन दोनों पार्टियों ने मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारकर इस मुकाबले को और ज्यादा रोमांचक बना दिया है. यह सीट सपा और भाजपा-रालोद  गठबंधन के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है."

सपा की अब क्या हो सकती है रणनीति?

पत्रकार आस मोहम्मद ने बताया, "बसपा और आजाद समाज पार्टी द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी उतार देने के बाद अब समाजवादी पार्टी ओबीसी हिंदू प्रत्याशी पर दांव खेल सकती. इसमें वह गुर्जर, जाट और पाल बिरादरी में से किसी को प्रत्याशी बना सकती है. ऐसे में सपा का सीधा मुकाबला भाजपा से ही रहेगा क्योंकि बसपा और आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशियों के चयन ने मुस्लिम वोटों मे सेंधमारी की पूरी बिसात बिछा दी है."

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आम जनमानस के बीच क्या हैं मुद्दे? 

आस मोहम्मद कैफ ने कहा, "मीरापुर सीट अब तक अधिकांश स्थानीय नेतृत्व ना होने की खामिया झेलती रही है. अवतार भड़ाना 2017 से 2022 तक यहां से विधायक रहे हैं. मगर पूरे कार्यकाल में अपने क्षेत्र में उनको कम ही देखा गया. उनको मीरापुर के लोग हेलिकॉप्टर वाला प्रत्याशी कहते नजर आए. इससे पहले विधायक रहे जमील अहमद स्थानीय तो थे लेकिन राजनीतिक क्षमता का अभाव होने के कारण क्षेत्र को इनका खासा लाभ नहीं मिल पाया था. ऐसे में स्थानीय जनमानस अपने बीच से एक मजबूत जनप्रतिनिधि चाहता है, जो उनके सुख-दुख में खड़ा रहे और क्षेत्र के विकास मे अहम भूमिका निभा सके."

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