शबनम कैसे बन गई शिवभक्त सोनम बाल्मिकी... गाजियाबाद की इस कांवड़ यात्री की कहानी आपको चौंका देगी

संदीप सैनी

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है. यहां एक शबनम (सोनम) नाम की महिला अपने पति पवन बाल्मीकि के साथ हरिद्वार से कावड़ लेकर गाजियाबाद जा रही है.

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shabnam Carry Kawad
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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है. यहां एक शबनम (सोनम) नाम की महिला अपने पति पवन बाल्मीकि के साथ हरिद्वार से कावड़ लेकर गाजियाबाद जा रही है. बता दें कि शबनम  40 लीटर गंगाजल के कलश का कावड़ लेकर यात्रा कर रही है.शबनम ने कावड़ पर अपने सास ससुर की फोटो लगाई हुई है. उसका कहना है कि इस यात्रा के बाद वह अपने पति के साथ 23 तारीख को शिवरात्रि के दिन भगवान शिव शंकर पर जलाभिषेक कर अपने सास ससुर को इस गंगाजल से स्नान करायेगी.

बता दें कि शबनम ने शादी के बाद अपना नाम बदलकर सोनम बाल्मीकि कर लिया है. शबनम बताती हैं कि उनके पति पवन गाजियाबाद में एक हॉस्पिटल में नौकरी करते हैं. करीब 9 साल पहले दोनों की मुलाकात हुई थी. शबनम का कहना है कि 'मुझे ये मेरा भोला पवन बहुत अच्छा लगा था. इसलिए हम दोनों ने लव मैरिज कर ली थी. हमारा एक 4 साल की बेटा और 6 साल की बेटी है.  शबनम बताती है कि इस धर्म में आने के बाद उन्हें बहुत सम्मान मिला है.  साथ ही उसने बताया कि उसके सास-ससुर बहुत अच्छे हैं जो उसे घर मे इज्जत देते हैं.'

शबनम ने बताया कि वह पहले भी कावड़ लेकर आ चुकी है.  लेकिन इस न इस बार उसने अपने सास ससुर के लिए मन्नत मांगी हुई है. वह हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने पति के साथ पैदल गाजियाबाद तक कावड़ यात्रा कर रही है.  फिर इसके बाद भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करने के बाद बचे हुए गंगाजल से अपने सास ससुर को स्नान करायेगी. शबनम के पति पवन का कहना है कि 12 जुलाई को उन्होंने हरिद्वार हर की पौड़ी से 40 लीटर गंगाजल की कलश कावड़ उठाई थी जिसे वह और उसकी पत्नी उठाकर प्रतिदिन 10 से 20 किलोमीटर का सफर तय करते हैं. 

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