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श्रीकांत त्यागी गिफ्ट कर रहे हैं बोलेरो! अब तक 19 को दे चुके ये शानदार SUV पर असल माजरा क्या है?

अक्षय शर्मा

Shrikant Tyagi News: महिला से दुर्व्यवहार के आरोप मामले में चर्चा में आए श्रीकांत त्यागी ने अपनी नई पार्टी 'राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल' बनाई है. जानें, क्या है उनकी रणनीति और कैसे वह त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज के वोट बैंक पर नजर बनाए हुए हैं.

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Shrikant Tyagi
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Shrikant Tyagi News: नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में महिल से दुर्व्यवहार के आरोप में चर्चा में आए श्रीकांत त्यागी एक बार फिर सुर्खियों में हैं. श्रीकांत त्यागी ने अपनी एक नई पार्टी का गठन किया है, जिसका नाम ‘राष्ट्रवादी नवनिर्माण दल’ है. पार्टी के गठन के बाद  हलचल तब मची जब 17 अगस्त को नोएडा में आयोजित जिला स्तरीय बैठक में पार्टी के जिलाध्यक्षों को श्रीकांत त्यागी की तरफ से शानदार बोलेरो गाड़ियां बांटी गईं. जानकारी के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के 19 जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है. ये सभी 19 लोग त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज से हैं. 

सियासी जानकारों का यह मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर श्रीकांत त्यागी की नजर त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज के बड़े वोट बैंक पर है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में इस समाज का प्रतिनिधित्व कई जिलों में महत्वपूर्ण है. बीते कुछ सालों में इस समाज ने आंदोलनों और राजनीतिक गतिविधियों के जरिए अपना वर्चस्व स्थापित किया है. पार्टी का मुख्य एजेंडा इसी वोट बैंक को संगठित कर समाज के प्रमुख बड़े नेताओं को जोड़ना बताया जा रहा है. 

कितनी है यूपी में त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज की आबादी?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश में त्यागी भूमिहार ब्राह्मण समाज की आबादी लगभग 3-4 प्रतिशत के आसपास है. मगर कई जिलों में इसका दबदबा महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसी चर्चा है कि श्रीकांत त्यागी की नई पार्टी की रणनीति इसी प्रभावशाली वोट बैंक को साधने पर केंद्रित है. 

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साल 2022 में चर्चा में आए थे श्रीकांत त्यागी

श्रीकांत त्यागी अगस्त 2022 में चर्चा में आए थे. उस समय नोएडा की ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में एक महिला के साथ कथित दुर्व्यवहार और मारपीट के मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. बाद में रिहाई के दौरान उन्होंने राजनीति में सक्रिय रहने की इच्छा व्यक्त की थी और कहा था, "मैं और क्या करूंगा? मैं एक राजनेता हूं."

साल 2022 में उनकी भाजपा से जुड़े होने की खबरों ने काफी सुर्खियां बटोरीं, लेकिन पार्टी ने उनसे पल्ला झाड़ लिया था. जेल से आने के बाद श्रीकांत त्यागी ने भाजपा के खिलाफ सक्रिय प्रचार किया और खतौली विधानसभा चुनाव में भाजपा के कोर वोटरों को तोड़ने का काम किया. इसका परिणाम यह हुआ कि इस सीट पर रालोद-सपा गठबंधन की जीत हुई. 

अब सवाल यह है कि जिस तरह उस घटना के दौरान त्यागी भूमिहार समाज ने श्रीकांत त्यागी का समर्थन किया था, क्या इसी तरह उनकी नई राजनीतिक यात्रा में भी उनका साथ देगा या फिर पारंपरिक पार्टियों के साथ रहेगा? उत्तर प्रदेश में अगले साल पंचायत चुनाव और उसके तुरंत बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यह राजनीतिक समीकरण काफी रोमांचक बनने वाले हैं. 

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