सपा अकेले लड़ी तो यूपी में खाता नहीं खुलेगा, शिवपाल भी मेरे पाले में आ जाएंगेः ओमप्रकाश राजभर
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़े सियासी राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सभी राजनीतिक…
ADVERTISEMENT
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़े सियासी राज्य उत्तर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सभी राजनीतिक पार्टियां खुद को मजबूत करने की स्थिति में जुटी हुई हैं. इसी कड़ी में सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सपा गठबंधन छोड़ एनडीए में शामिल हो गए हैं. एनडीए में शामिल होने के बाद राजभर का मानना है कि विपक्षी एकता की हालत खस्ता है.
उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में ही ये पता चल गया है कि विपक्ष कहां है. 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या देखना है. लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव में ही विपक्ष की ताकत का पता चल गया है. विपक्षी एकता में ताकत नहीं है. फिर जीतने का सवाल ही पैदा नहीं होता है.
उन्होंने कहा कि सपा अकेले चुनाव लड़कर देख ले, यूपी में 80 सीटें हैं. उनका खाता भी नहीं खुलेगा. सपा में फिर जाने के सवाल पर कहा कि वो नहीं जाएंगे, बल्कि शिवपाल खुद ही उनके साथ आ जाएंगे.
राजभर ने कहा, “वे यूपी के 76 जिलों में सपा के विकल्प के रूप में उनकी पार्टी उभरकर सामने आई है. इससे सपा के लोग घबराए हुए हैं. वे मैनपुरी, सहारनपुर, झांसी और गोरखपुर में सम्मेलन करते हैं, तो 10 से 20 हजार लोग जुट जाते हैं. उन्होंने महिलाओं को एकजुट करने का कार्य किया है. सुभासपा ने मजबूत संगठन खड़ा किया है. किसी दल के अंदर ताकत नहीं है कि एक साथ इतनी संख्या में महिलाओं को खड़ा कर दे.”
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
राजभर के मुताबिक, उन्होंने वो ताकत पैदा की है, यही वजह है कि सभी दल उन्हें अपने साथ लेना चाहते हैं. शिवपाल उन्हें अपने पाले में लाना चाहते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा,
“शिवपाल जी को भी धरातल का पता चल चुका है कि राजभर उनके साथ थे, तो वे 125 तक पहुंच गए. अब उन्होंने साथ छोड़ दिया है, तो खाता भी नहीं खुलेगा. यही वजह है कि वे भी परेशान हैं. 2024 के चुनाव में वे क्या सपा के साथ रहेंगे, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि शिवपालजी खुद उनके साथ आ रहे हैं.”
राजभर ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि चुनाव कहां है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले आया. वहीं पर साफ हो गया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष कहां रहेगा. देश में विपक्षी एकता में जो ताकत है, उनके साथ नहीं है. जब ताकत नहीं है, तो जीतने का सवाल कहां पैदा होता है. यूपी में 80 सीटों में सपा अकेले चुनाव लड़कर देख ले, उनका खाता तक नहीं खुलेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे भाजपा के साथ हैं, तो उनकी विचारधारा के भी साथ हैं. भाजपा 15 अगस्त पर भाजपा खुशी मना रही है, तो सभी देशवासियों को मनाना चाहिए.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT