संगठन सरकार से बड़ा...जेपी नड्डा से मिलने के बाद केशव मौर्य ने फिर दिया ये बयान, क्या हैं मायने?
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बता दें कि जेपी नड्डा से मिलने के बाद मौर्य ने फिर एक बड़ा बयान दिया है.
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Keshav Prasad Maurya Statement: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बता दें कि रविवार को प्रदेश की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री मौर्य ने 'संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है' कहकर सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी थी. मौर्य के इस बयान के बाद चर्चा तेज हो गई कि उनके और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच सब सही नहीं है. इसी के बाद डिप्टी सीएम मौर्य दिल्ली तलब किए गए और उनकी जेपी नड्डा से मुलाकात हुई. बता दें कि जेपी नड्डा से मिलने के बाद मौर्य ने फिर इसी प्रकार का बयान दिया.
केशव प्रसाद मौर्य के कार्यालय ने उनके हवाले से 17 जुलाई को X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है संगठन से बड़ा कोई नहीं, कार्यकर्ता ही गौरव है."
मौर्य की नड्डा से मुलाकात के बाद क्या बात सामने आई थी?
ऐसी खबर है कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से यह कहा गया कि किसी भी सूरत में सरकार और संगठन के तालमेल को लेकर ऐसी कोई बयानबाजी ना की जाए, जिससे पार्टी हित का नुकसान हो. पार्टी चाहती है कि इसपर लगाम लगे और सरकार-संगठन के बीच एकता का संदेश दिया जाए.
क्या हैं मौर्य के ताजा बयान के मायने?
आपको बता दें कि मौर्य के इस बयान के दो मायने निकलकर सामने आए हैं. सियासी जानकारों के मुताबिक, इसका एक मायने यह है कि केशव मौर्य और सीएम योगी के बीच तलवारें खिंची हुई हैं. दरअसल, ऐसी चर्चा है कि योगी सरकार में अफसरशाही हावी है, जिसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान नहीं मिल पा रहा है. इसी को लेकर केशव प्रसाद मौर्य सीएम योगी के खिलाफ हमलावर नजर आ रहे हैं.
वहीं, इसका दूसरा मायना यह निकलकर आया है कि पार्टी यह चाहती है कि कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश जाए कि योगी सरकार में उनकी बात सुनी जाएगी और उन्हें सम्मान मिलेगा. इसी के चलते केशव मौर्य इस प्रकार के बयान दे रहे हैं. बता दें कि कुछ ही महीने के भीतर यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि भाजपा की यह चाल मौके पर चौका पार पाएगी या नहीं. देखना यह भी रोचक होगा कि आने उपचुनाव में भाजपा का कैसा प्रदर्शन रहेगा. फिलहाल, लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद सूबे में सपा का कॉन्फिडेंस हाई है.
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