मध्य प्रदेश के मोहन से यूपी के यादवों को साधने की कोशिश? मिशन-2024 के लिए बीजेपी की ये तैयारी

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Uttar Pradesh News : भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के लिए मोहन यादव (Mohan Yadav) के नाम का एलान किया है. मोहन यादव उज्‍जैन दक्षिण (Ujjain South) से विधायक हैं और वह शिवराज सरकार में मंत्री थे. वहीं भाजपा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन यादव के नाम का एलान करके सबको चौंका दिया. इसी के साथ बीजेपी ने अपने इरादे स्पष्ट करते हुए उत्तर प्रदेश में मिशन-2024 के लिए बड़ा दांव खेल दिया है.

मोहन यादव का यूपी से खास रिश्ता

बता दें कि मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे मोहन यादव का उत्तर प्रदेश से खास रिश्ता है. मोहन यादव का ससुराल उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में है. मोहन यादव की पत्नी सीमा यादव यूपी के सुल्तानपुर की रहने वाली हैं और अब उनका परिवार शहर के विवेकानंद नगर में रहता है. मोहन यादव से सीमा यादव की शादी 1994 में हुई थी तब मोहन यादव विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय मंत्री थे. वहीं एमपी के मुख्यमंत्री के उत्तर प्रदेश से जुड़ाव के साथ बीजेपी यूपी में लोकसभा चुनाव से पहले आक्रामक रुख अपनाएगी, जहां अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी बीजेपी के लिए सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है.

यूपी के यादव वोट बैंक पर नजर

बता दें कि अब तक यादव उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव और बिहार में लालू प्रसाद यादव के कुनबे के प्रति काफी वफादार रहे हैं और अब बीजेपी की नजर उसी वोटर पर है. गौरलतब है कि यूपी में समाजवादी पार्टी की वजह से यादव वोट भाजपा को कम वोट देता है. हालांकि 2014 और 2019 में ये मिथक टूटा है. लेकिन गौर किया जाए तो 2023 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने जिस तरह एमपी में पैर जमाने की कोशिश की, तभी भाजपा सर्तक हो गई थी. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यादव-मुस्लिम कोर वोट बैंक की राजनीति करने वाली सपा के चेहरे अखिलेश यादव 2017 तक CM थे और इसके बाद सत्ता से बाहर हो गए.

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लगभग 9% यादव लगभग एक दर्जन लोकसभा क्षेत्रों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, बदायूं, फिरोजाबाद, आजमगढ़, अयोध्या, संतकबीरनगर, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, जौनपुर आदि लोकसभा सीटों पर इनका प्रभावी असर है. यूपी में सपा का यह सबसे ठोस वोट बैंक हैं, लोकसभा में इस समय चार यादव सांसद हैं जिसमें दो सपा, एक बसपा व एक भाजपा का है.

अब बीजपी ने मोहन यादव को सीएम बनाने के सथा यूपी व बिहार में भी यादव समाज को साधने की कोशिश की है. वहीं अखिलेश यादव के लिए भी मिशन-2024 के राह को मुश्किल कर दिया है.

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