गृहमंत्री शाह और CM योगी, दोनों ने पढ़े एक दूसरे के कसीदे, इस दोतरफा तारीफ के मायने समझिए

अमीश कुमार राय

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UP News : मौका था भोपाल में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की 23वीं बैठक का. सोमवार को आयोजित हुई इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ को भी शामिल होना था. लेकिन मौसम खराब हो गया और योगी आदित्यनाथ को वर्चुअली ही बैठक को संबोधित करना पड़ा. वैसे तो ये विशुद्ध सरकारी टाइप की बैठकें हैं, जिनमें राज्य-केंद्र के हितों को बढ़ाने और उनके बीच के टकराव को कम करने जैसी कवायदें होती हैं. मगर इस बार की मध्य क्षेत्रीय बैठक से सियासी संकेत भी निकल कर सामने आए.

असल में यह हुआ कि इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर दी. मामला यहीं पर नहीं रुका. जब योगी आदित्यनाथ के बोलने की बारी आई तो उन्होंने भी लगे हाथ अमित शाह की तारीफ कर दी. अब इन दोतरफा तारीफों ने नई सियासी चर्चाओं को शुरू कर दिया है.

इस सियासत को समझने से पहले आइए समझते हैं क्षेत्रीय परिषदों और मध्य क्षेत्रीय परिषद के बारे में.

क्या होती हैं क्षेत्रीय परिषदें और कैसी है मध्य क्षेत्रीय परिषद की सरंचना?

  • राज्यों और उनसे संबंधित मामलों के पुनर्गठन की योजना के एक भाग के रूप में राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के भाग-III के तहत क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई है.

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  • कुल 5 क्षेत्रीय परिषदें हैं. इनमें उत्तरी क्षेत्रीय परिषद, मध्य क्षेत्रीय परिषद, पूर्वी क्षेत्रीय परिषद, पश्चिमी क्षेत्रीय परिषद और दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद शामिल हैं.

  • मध्य क्षेत्रीय परिषद् में छत्तीसगढ़, उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य शामिल हैं.

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    क्या हैं क्षेत्रीय परिषदों के काम?

    Political News : हर क्षेत्रीय परिषद एक सलाहकार निकाय होगी. यह ऐसे किसी मामले पर चर्चा कर सकती है जिस पर उस परिषद में दर्शाए गए कुछ या सभी राज्य, या उस परिषद में दर्शाए गए संघ और एकाधिक राज्यों का एक समान हित शामिल हो. यह केंद्र सरकार और संबंधित प्रत्येक राज्य सरकार को ऐसे किसी मामले पर कार्रवाई करने के संबंध में सलाह दे सकती है.

    उपर्युक्त प्रावधानों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, एक क्षेत्रीय परिषद् विशेष रूप से निम्न पर चर्चा और उनके संबंध में सिफारिशें कर सकती है:

    1. आर्थिक और सामाजिक नियोजन के क्षेत्र में समान हित के किसी मामले पर.

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  • सीमा-विवाद, भाषायी अल्पसंख्यकों या अंतर-राज्य परिवहन से संबंधित किसी मामले पर.

  • इस अधिनियम के अंतर्गत राज्यों के पुनर्गठन से संबंधित या उनसे उत्पन्न किसी मामले पर.

  • (श्रोत: http://interstatecouncil.nic.in/genesis/)

    मध्य क्षेत्रीय परिषद की हालिया बैठक से निकली सियासत को समझिए

    सोमवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सभी सीएम को पीएम की तरफ से बधाई संदेश दिया कि उन्होंने अपने-अपने राज्यों में पीएम के टीम इंडिया के कॉन्सेप्ट को जमीन पर उतारने का काम किया. इस बीच अमित शाह ने योगी की ऐसी तारीफ की जो अब चर्चा का विषय है.

    अमित शाह ने बैठक में सीएम योगी की प्रशंसा करते हुए कहा कि, ‘योगी ने यूपी में कानून व्यवस्था को लंबे अरसे के बाद लागू करने का कार्य किया है. पूरी मशीनरी का अराजनीतिकरण कर बहुत अच्छे से संभाला है.’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यूपी में डिफेंस कॉरिडोर में भी बहुत कार्य हुआ है.

    अब इसके बाद बारी थी योगी आदित्यनाथ की

    ऐसा नहीं था कि यह तारीफ एकतरफा थी. बैठक में जब सीएम योगी के संबोधन की बारी आई तो उन्होंने भी अमित शाह की तारीफ की. सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘आपके नेतृत्व में देश में आंतरिक सुरक्षा आज अपने बेहतरीन स्थिति की ओर बढ़ रही है.’ सीएम ने आगे कहा कि कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टीम इंडिया के विजन से देश में सहकारी संघवाद की अवधारणा साकार हो रही है.

    ऐसा नहीं है कि अमित शाह और सीएम योगी, दोनों नेताओं की चर्चाएं कोई पहली बार एक साथ हो रही हैं. पीएम मोदी के बाद कौन के सवाल पर अक्सर इन दोनों दिग्गज नेताओं का जिक्र होता रहता है. इसकी एक झलक पिछले दिनों इंडिया टुडे और C वोटर्स के मूड ऑफ द नेशन (Mood of the Nation Poll) सर्वे में भी देखने को मिली थी.

    इसमें लोगों से पूछा गया था कि भाजपा में पीएम मोदी का उत्तराधिकारी कौन है? इस सवाल पर अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिला था. अमित शाह को 25 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया था वहीं योगी आदित्यनाथ भी 24 फीसदी लोगों की पसंद बने थे. उत्तराधिकारी के सवाल पर नितिन गडकरी को 15, राजनाथ सिंह को 9 और निर्मला सीतारमन को 4 फीसदी लोगों ने वोट किया था.

    अगला पीएम कौन होगा? सर्वे के इस सवाल में सीएम योगी को यूं मिली थी बढ़त

    आपको बता दें कि फरवरी 2022 से लेकर 9 अगस्त 2022 के बीच कराए गए मूड ऑफ द नेशन सर्वे में 122016 लोगों ने हिस्सा लिया. सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया था कि देश का अगला पीएम कौन होगा तो 53 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगाई थी. सर्वें में दूसरे नंबर पर राहुल गांधी का नाम है. उन्हें 9 फीसदी लोगों ने वोट दिया था. वहीं इस सर्वे में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पीछे छोड़ दिया है. केजरीवाल को 6 फीसदी वोट मिले जबकि योगी को 5 फीसदी और शाह को 3 फीसदी वोट मिले हैं. हालांकि इस सवाल में लोगों ने अमित शाह पर सीएम योगी को बढ़त दिलाई थी.

    आपको बता दें कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में प्रचंड जीत हासिल की है. 2024 का चुनाव भी बीजेपी पीएम मोदी के नेतृत्व में लड़ने का ऐलान कर चुकी है. इसके बावजूद अक्सर पीएम नरेंद्र मोदी के राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ती ही रहती हैं. और इनमें शाह और सीएम योगी का नाम प्रमुखता से लिया जाता है.

    पिछले दिनों बीजेपी ने नए केंद्रीय संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का गठन किया. आपको बता दें कि केंद्रीय संसदीय बोर्ड भाजपा की वो संस्था है जिसे बहुत ताकतवर माना जाता है और पार्टी के सभी बड़े तथा अहम फैसले इसी बोर्ड के माध्यम से लिए जाते हैं. गौर करने वाली बात ये रही कि भाजपा के नए संसदीय बोर्ड में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जगह नहीं मिली. 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बंपर जीत के बाद चर्चा यह थी कि संसदीय बोर्ड में सीएम योगी को भी शामिल किया जा सकता है.

    इसके पीछे ये दलील सामने आई कि बीजेपी के इस नए संसदीय बोर्ड में किसी भी मुख्यमंत्री को जगह नहीं दी गई है. पहले से इस बोर्ड का हिस्सा रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी इस बार शामिल नहीं किया गया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी संसदीय बोर्ड में जगह नहीं दी गई.

    इसके बाद एक बार फिर बीजेपी की बदलती राजनीति और इसके नए सशक्त चेहरों को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई. इस बीच जब अमित शाह और सीएम योगी ने एक दूसरे की तारीफ की है, तो इसे लेकर भी राजनीतिक चर्चाएं होना स्वभाविक ही है.

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