BSP से BJP में आए रंगनाथ मिश्रा तो क्लोज हुआ केस? प्रशांत भूषण के आरोपों के बीच पूरी कहानी समझिए
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में रंगनाथ मिश्र को क्लीन चिट देते हुए उनके खिलाफ चल रही जांच को बंद कर दिया.
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी नेता रंगनाथ मिश्र को पिछले दिनों बड़ी राहत मिली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में रंगनाथ मिश्र को क्लीन चिट देते हुए उनके खिलाफ चल रही जांच को बंद कर दिया. ईडी ने इस मामले में हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ED की तरफ से दाखिल हुई क्लोजर के बाद सप्लीमेंट्री एफिडेविट को शामिल करते हुए केस खत्म करने का आदेश दे दिया. हाईकोर्ट के फैसले के बाद रंगनाथ मिश्रा को लेकर देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट की है, जो अब चर्चा का विषय बन गई है.
ED ने दी क्लीन चिट
रंगनाथ मिश्रा को आय से अधिक संपत्ति मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इनसे जुड़ा एक स्क्रीनशॉट ट्वीट किया. इसमें रंगनाथ मिश्रा से जुड़ी तीन खबरों के स्क्रीन शॉट के कोलॉज थे. उन्होंने एक क्रोनोलॉजी दी कि कैसे बीएसपी से बीजेपी में आने के बाद रंगनाथ मिश्र का केस क्लोज हुआ. इस स्क्रीन शॉट में जो खबरें थी उसमें पहली खबर के मुताबिक बसपा नेता रंगनाथ मिश्रा की पांच करोड़ की संपत्ति को ED जब्त करती है. दूसरी खबर के मुताबिक रंगनाथ मिश्रा बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं. तीसरी खबर रंगनाथ मिश्रा के आय से अधिक संपत्ति मामले में ED से क्लीन चिट मिलने की है. प्रशांत भूषण के इस ट्वीट को यहां नीचे देखा जा सकता है.
प्रशांत भूषण के इस स्क्रीन शॉट में जिन खबरों को जिक्र था, यूपी Tak ने उन्हें इंटरनेट पर ढूंढा तो हमें तीनों खबरें मिल गईं. ये खबरें क्रमशः इंडिया टुडे, एनडीटीवी और एबीपी की वेबसाइट पर पब्लिश हुई हैं. पहली खबर के मुताबिक जनवरी 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बसपा सरकार में मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा की लगभग 5 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां जब्त की थीं. यह कार्रवाई अवैध धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत की गई थी. कार्रवाई के बाद ED ने जानकारी दी थी कि, इलाहाबाद के टैगोर टाउन के जॉर्ज टाउन एक्सटेंशन में स्थित प्लॉट नंबर 58 को जब्त किया गया है. प्लॉट की बाजार मूल्य लगभग 5 करोड़ रुपये है और यह रंगनाथ मिश्रा और उनके परिवार के नाम है. यह संपत्ति आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में जब्त की गई है.
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दूसरी खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले रंगनाथ मिश्रा ने भाजपा का दामन थाम लिया था. आपको बता दें कि रंगनाथ मिश्रा ने 29 जनवरी 2022 को राजधानी लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ली थी. तीसरी खबर के मुताबिक सिंतबर 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आय से अधिक संपत्ति मामले में रंगनाथ मिश्र को क्लीन चिट देते हुए उनके खिलाफ चल रही जांच को बंद कर दिया है. ईडी ने इस मामले में हाईकोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है.
कौन हैं रंगनाथ मिश्रा?
रंगनाथ मिश्रा बहुजन समाज पार्टी की सरकार (2007 से 2012) के दौरान कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. मायावती सरकार में रंगनाथ मिश्रा माध्यमिक शिक्षा मंत्री थे. उनके खिलाफ साल 2012 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भदोही के औराई थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. 2014 में ED ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी. सितंबर 2021 में सेशन कोर्ट ने ट्रायल में रंगनाथ मिश्रा को बरी कर दिया था लेकिन ED में दर्ज केस की जांच जारी थी. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मई 2023 में ED के द्वारा मनी लांड्रिंग के तहत चल रही जांच पर रोक लगाई थी. ED ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी, जिसमें सप्लीमेंट्री एफिडेविट दाखिल होने के बाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने रंगनाथ मिश्रा के केस को समाप्त करने का आदेश दे दिया है. अब रंगनाथ मिश्रा को मिली इसी राहत को उनके बसपा से बीजेपी में आने का फल बताते हुए सोशल मीडिया पर अलग-अलग तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं.
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