सांसद धर्मेंद्र यादव के पास उस जाति के माफियाओं की लिस्ट जिन्हें गिफ्ट की गईं करोड़ों की गाड़ियां? इस दावे से मचा हड़कंप
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में व्यापक नकली कफ सिरप रैकेट का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्वांचल से लेकर कई राज्यों और विदेशों तक फैला यह सिंडिकेट “जाति विशेष के माफिया” चला रहे हैं. उन्होंने कड़े एक्शन की मांग की.
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समाजवादी पार्टी (सपा) के आजमगढ़ से सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में एक गंभीर मुद्दा उठाकर हड़कंप मचा दिया है. उन्होंने सदन में पूर्वांचल से शुरू होकर कई राज्यों और यहां तक कि विदेशों तक फैले नकली कफ सिरप के सिंडिकेट का मुद्दा उठाया और इस रैकेट को चलाने वाले माफियाओं पर गंभीर आरोप लगाए. धर्मेंद्र यादव ने यहां तक दावा कर दिया कि जाति विशेष के माफिया इस रैकेट को चला रहे हैं. उनके मुताबिक इन माफियाओं को करोड़ों रुपये की गाड़ियां उपहार में दी गई हैं. उन्होंने कहा कि वो इन माफियाओं के नाम सहित पूरी लिस्ट दे सकते हैं. धर्मेंद्र यादव ने इस मुद्दे को जनहित के मामले के तहत सदन में उठाया और केंद्र व राज्य सरकार से इस पर कठोरतम कार्रवाई की मांग की.
नकली कफ सिरप रैकेट पर धुआंधार बोले धर्मेंद्र
सांसद धर्मेंद्र यादव ने अपने संबोधन में बताया कि यह नकली कफ सिरप का रैकेट उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र खासकर वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़ और भदोही के आसपास सक्रिय है. उन्होंने बताया कि इस सिंडिकेट के तार मध्य प्रदेश, राजस्थान, बंगाल और देश के बाहर बांग्लादेश के अलावा साउथ अफ्रीका तक फैले हुए हैं. धर्मेंद्र यादव ने बनारस सेंट्रल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की मौत का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि लगभग एक साल पहले इसी नकली कफ सिरप के कारण इनकी मौत हुई थी. उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी भारती सिंह बनारस पुलिस के दर-दर भटकती रहीं, लेकिन उनकी FIR तक दर्ज नहीं हुई. मामला तब सक्रिय हुआ जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया के माध्यम से इसे उठाया.
धर्मेंद्र यादव की इस स्पीच को यहां नीचे देखा जा सकता है.
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कफ सिरप सिंडिकेट को लेकर अबतक पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
आपको बता दें कि कफ सिरप सिंडिकेट के सामने आने के बाद पुलिस को इनके कुछ सरगनाओं पर कार्रवाई करने में सफलता मिली है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सोनभद्र पुलिस ने कफ सिरप रैकेट के कथित मुख्य सरगना भोला प्रसाद जायसवाल को कोलकाता हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया है. वह कथित तौर पर विदेश भागने की फिराक में था. सोनभद्र के एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि पुलिस ने 18 अक्टूबर को दो कंटेनर ट्रकों से करीब 3.5 करोड़ रुपये मूल्य की 119675 बोतलें प्रतिबंधित कफ सिरप जब्त की थीं. जांच में पता चला है कि भोला जायसवाल रांची के शैली ट्रेडर्स के नाम पर फर्जी बिलिंग के माध्यम से बड़े पैमाने पर अवैध व्यापार चला रहा था.
25 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा
जांच के दौरान एक विशेष जांच दल (SIT) ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. एसआईटी जांच में सामने आया है कि भदोही, चंदौली, वाराणसी और सोनभद्र सहित कई जिलों में करीब 25 करोड़ रुपये के बोगस लेनदेन किए गए हैं. इसमें कई फर्म गैर-मौजूद पाई गईं. रॉबर्ट्सगंज पुलिस स्टेशन में 29 नवंबर को ड्रग इंस्पेक्टर राजेश मौर्य ने भोला जायसवाल के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. आरोप था कि स्थानीय फर्मों मां कृपा मेडिकल और शिवाक्षा प्राइवेट लिमिटेड ने अप्रैल 2024 से अगस्त 2025 के बीच 753000 बोतल कफ सिरप को कालाबाजारी में भेज दिया था. इसके बाद ये गिरफ्तारी हुई.
हालांकि, भोला जायसवाल ने पूछताछ में खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया है कि फर्म उनके नाम पर पंजीकृत थी, लेकिन सभी वित्तीय और संचालन संबंधी कार्य उनके बेटे शुभम जायसवाल द्वारा संभाले जाते थे. उन्होंने बताया कि यह अवैध व्यापार झारखंड के एक गोदाम से संचालित होता था और लेनदेन की निगरानी चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल करते थे.
करोड़ों की गाड़ियां और जाति विशेष का दावा
सांसद धर्मेंद्र यादव के बयान ने इस मामले को राजनीतिक रूप से गरमा दिया है. उन्होंने सदन में कहा कि "जातिविशेष के माफिया" यह रैकेट चला रहे हैं और इन माफियाओं को करोड़ों रुपये की गाड़ियाँ उपहार में दी गई हैं. उन्होंने दावा किया कि उनके पास इन माफियाओं के नाम सहित पूरी लिस्ट है. धर्मेंद्र यादव ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि इस बड़े सिंडिकेट के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाले ऐसे रैकेट का समूल नाश हो सके.
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