लखीमपुर खीरी कांड के एक साल बाद भी अजय मिश्रा का मंत्री बने रहना अपमानजनक: कांग्रेस

भाषा

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी (Lakhimpur Kheri violence) में पिछले साल हुई हिंसा में कई लोगों की लोगों की मौत की घटना के एक…

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कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी (Lakhimpur Kheri violence) में पिछले साल हुई हिंसा में कई लोगों की लोगों की मौत की घटना के एक साल पूरा होने के मौके पर सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा (Ajay Kumar Mishra) का अब तक अपने पद पर बने रहना अपमानजनक है.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने यह भी कहा कि कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत संयुक्त किसान मोर्चा की सभी मांगों का एक बार फिर से समर्थन करती है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी हत्याकांड को आज एक साल हो गया. एक साल पहले कई किसानों को मार दिया गया था. मोदी सरकार के एक मंत्री इस षड्यंत्र में शामिल थे. आज भी वह मंत्रिपरिषद के सदस्य हैं. इससे अपमानजनक बात कुछ नहीं हो सकती कि ‘काले कानूनों’ के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को मारा गया और इसके दोषी मंत्री अपने पद पर बने हुए हैं.’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘भारत जोड़ो यात्रा का एक मकसद किसानों के लिए आर्थिक न्याय की मांग उठाना है. मोदी सरकार किसानों को आर्थिक न्याय देने में विफल रही है. मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों की भूमिका बढ़ा रही है. यह बहुत चिंताजनक बात है.’’

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उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ( Keshav Prasad Maurya) के दौरे के खिलाफ किसान तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर-खीरी के तिकुनिया गांव में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इसी दौरान कार से कुचलकर चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद की हिंसा में दो भाजपा कार्यकर्ताओं और एक पत्रकार सहित चार अन्य लोग मारे गए थे.

हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारी केंद्र के उन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, जिन्हें बाद में सरकार ने वापस ले लिया था. अजय कुमार मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा हिंसा के इस मामले में आरोपी हैं.

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