CM योगी के दिल्ली दौरे ने बढ़ाया लखनऊ का तापमान! 15 दिसंबर से पहले होगा मंत्रिमंडल विस्तार?

कुमार अभिषेक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

UP Political News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार शाम देश की राजधानी दिल्ली पहुंचे तो मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा ने जोर पकड़ लिया. इस वक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हलकों में चर्चा यह है कि 15 दिसंबर के पहले उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार हो सकता है. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में एक या दो मंत्री नहीं बल्कि 6 से 8 मंत्री शपथ ले सकते हैं.

बता दें कि दिल्ली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तस्वीर भी सामने आई. पीएम से मुलाकात के ठीक एक दिन पहले बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर शाम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भी मुलाकात की थी. राज्यपाल, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से और फिर आखिर में प्रधानमंत्री मोदी से सीएम योगी की मुलाकात ने कई राजनेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं.

प्रदेश में इस वक्त यह माहौल बना हुआ है कि जल्द ही लखनऊ में कैबिनेट विस्तार होगा, जिसमें ओमप्रकाश राजभर तो निश्चित ही मंत्रिमंडल में शामिल जाएंगे जबकि दारा सिंह चौहान की भी लॉटरी लग सकती है. सूत्रों के मुताबिक, उनके नाम पर सीएम योगी की आपत्ति बनी हुई है. दलित और ओबीसी महिला विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. वहीं, महेंद्र सिंह और आकाश सक्सेना के नाम की भी चर्चा है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रभारी रहे सिद्धार्थनाथ सिंह को लेकर भी एक चर्चा है कि उन्हें अगर मन्त्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिली तो उन्हें 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है. योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा की अब मंत्रिमंडल विस्तार तय है और 15 दिसंबर के पहले होने की पूरी संभावना है.

ADVERTISEMENT

कई विधायक और मंत्रियों के 2024 में चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है. कुछ मंत्रियों के कद बढ़ाने की भी चर्चा चल निकली है. कैबिनेट मंत्री राकेश सचान, जितिन प्रसाद, असीम अरुण, बेबी रानी मौर्य और विधायक राजेश्वर सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है.

बहरहाल सीएम योगी के अचानक दिल्ली दौरे ने लखनऊ का पूरा तापमान ही गर्म कर दिया है. अब देखना यह है कि क्या इस बार सचमुच यह मंत्रिमंडल विस्तार होगा या पहले की तरह प्रयासों तक सीमित रह जाएगा.

ADVERTISEMENT

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT