CM योगी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ को बताया जरूरी, सपा-कांग्रेस का आया ये रिएक्शन
देशभर में ‘एक राष्ट-एक चुनाव’ चर्चा का विषय बना हुआ है. केंद्र सरकार एक राष्ट-एक चुनाव के लिए सक्रिय हो गई है. इसको लेकर सियासत…
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देशभर में ‘एक राष्ट-एक चुनाव’ चर्चा का विषय बना हुआ है. केंद्र सरकार एक राष्ट-एक चुनाव के लिए सक्रिय हो गई है. इसको लेकर सियासत भी हो रही है. जहां भारतीय जनता पार्टी और एनडीए समर्थक इसका स्वागत कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दलों के नेता इसका विरोध कर रहे हैं. इसी बीच यूपी सीएम योगी का रिएक्शन भी सामने आया है तो वहीं इस मामले को लेकर सपा-कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ (One Nation One Election) का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे लोकतंत्र की समृद्धि और उसकी स्थिरता सुनिश्चित होगी. मुख्यमंत्री योगी ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ प्रक्रिया को एक अभिनव पहल करार देते हुए इसे आज की आवश्यकता बताया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार भी व्यक्त किया.
बता दें कि बीते शुक्रवार को सीएम योगी ने इस मुद्दे को लेकर कहा, ‘‘देश में स्थिरता अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. ऐसे ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकारों की स्थिरता के साथ-साथ विकास के लिए भी एक गतिमान सरकार चाहिए होती है. इस दृष्टि से ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ एक अभिनंदनीय प्रयास है.”
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सीएम योगी ने आगे कह, ‘‘यह जानकर प्रसन्नता है कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए कमेटी बनी है. इस अभिनव पहल के लिए देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.”
बार-बार चुनाव विकास के कार्यों में बाधा पैदा करते हैं- सीएम योगी
सीएम योगी ने आगे कहा, “’उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की दृष्टि से देखें तो यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि बार-बार चुनाव विकास के कार्यों में बाधा पैदा करते हैं. चुनाव की प्रक्रिया को कम से कम डेढ़ महीने का समय लगता है. यह समय विकास की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने में या नीतिगत निर्णय लेने में बाधा पहुंचाता है.’’
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उन्होंने कहा, ‘‘यह आवश्यक है कि लोकसभा, विधानसभा और अन्य सभी प्रकार के चुनाव को एक साथ आयोजित किया जाए. यह बेहतरीन पहल हुई है, न सिर्फ विकास के लिए बल्कि लोकतंत्र की समृद्धि और स्थिरता के लिए जो प्रत्येक नागरिक के जीवन में खुशहाली लाएगा. इसका स्वागत करता हूं.”
सपा और कांग्रेस ने क्या कहा
वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और सपा की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने कहा कि अभी इस मुद्दे पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी. दूसरी तरफ सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया है और इसे संविधान विरोधी पहल बताया है.
क्या कहा स्वामी प्रसाद मौर्य ने
इस मुद्दे को लेकर सपा राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘वन नेशन-वन इलेक्शन का निर्णय संविधान विरोधी है, लोकतंत्र की हत्या कर राजतन्त्र की स्थापना का सरकार का कुत्सित प्रयास है. सरकार के इस निर्णय की घोर भर्त्सना करता हूं. लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए, गफलत में रहेंगे तो वे संविधान बदल देंगे.”
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वन नेशन-वन इलेक्शन का निर्णय संविधान विरोधी है, लोकतंत्र की हत्या कर राजतन्त्र की स्थापना का सरकार का कुत्सित प्रयास है। सरकार के इस निर्णय की घोर भर्तस्ना करता हूँ। लोकतंत्र को बचाने के लिये सभी को एकजुट हो जाना चाहिए, गफलत में रहोगे तों संविधान बदल देंगे।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) September 1, 2023
आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है. अब देखना ये होगा कि वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर आगे क्या-क्या सियासत होती है.
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