कांग्रेस दिशाहीन है, लंबे समय तक सत्ता में आती नहीं दिखती: बीजेपी नेत्री अदिति सिंह
रायबरेली की विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस को “गैर-मौजूद” कार्य संस्कृति के साथ “दिशाहीन” करार देते हुए कहा कि उन्हें वह (कांग्रेस) लंबे समय तक…
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रायबरेली की विधायक अदिति सिंह ने कांग्रेस को “गैर-मौजूद” कार्य संस्कृति के साथ “दिशाहीन” करार देते हुए कहा कि उन्हें वह (कांग्रेस) लंबे समय तक सत्ता में आते हुए नहीं दिख रही.
सिंह (34) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पाला बदल बीजेपी का दामन थाम लिया था.
समाजवादी पार्टी के आरपी यादव को 7,100 मतों से हराकर लगातार दूसरी चुनावी जीत दर्ज करने वाली सिंह ने कहा कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का उनका फैसला निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति उनके दायित्व के चलते लिया गया.
उन्होंने कहा, “कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में आती नहीं दिखती.”
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सिंह ने कहा, “मैं उनके साथ समन्वय नहीं कर सकी, उनकी कार्य संस्कृति को समझ या उससे सहमत नहीं हो सकी. वह अस्तित्वहीन थी, तो आप विकास कहां करते? जब मैं पिछली बार निर्वाचित हुई थी तब मैं 29 वर्ष की थी. मेरे पास सीखने, पेशेवर और सही तरह का दिशानिर्देशन पाने के लिए ये वर्ष हैं. मैं उस दिशाहीन पार्टी में क्या करती?.”
उन्होंने कहा, “दूसरी ओर, हमारे पास एक ऐसी पार्टी (बीजेपी) है, जिसके पास केंद्र से लेकर राज्यों, विधानसभा तक स्पष्ट दृष्टि और दिशा है और इतने मेहनती नेता हैं.”
उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी की जीत को “ऐतिहासिक” करार दिया.
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उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मेरी पार्टी आजादी के बाद से इस निर्वाचन क्षेत्र से कभी नहीं जीती थी. शायद एक समय था जब जनता दल जीता था, जिसे फिर से मेरे चाचा ने जीता था. इसलिए, यह बहुत कठिन जीत थी.”
उन्होंने कहा, “रायबरेली कांग्रेस का गढ़ है. बहुत से लोग अब भी कांग्रेस पार्टी के बारे में दृढ़ मत रखते हैं. एक निश्चित मात्रा में सत्ता विरोधी लहर भी थी, जिसका सामना किसी को करना पड़ता है क्योंकि मैं पांच साल से विधायक हूं. इसलिए उन परिस्थितियों में जीतने को लेकर मैं बेहद खुश हूं और खुद पर गर्व करती हूं.”
अदिति सिंह रायबरेली (सदर) सीट से पांच बार विधायक रहे दिवंगत अखिलेश सिंह की बेटी हैं. वह एक कद्दावर नेता थे जिनका अगस्त 2019 में बीमारी के कारण निधन हो गया था.
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अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाली अदिति ने कहा, “कहीं न कहीं एक समय के बाद आप देश के लिए कुछ और करना चाहते हैं. मैं अमेरिका से वापस आयी, जहां मैं सबसे लंबे समय तक रही, और सबसे पहले व सबसे ज्यादा मेरी अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति जवाबदेही थी, लेकिन मैं राष्ट्र निर्माण का भी हिस्सा बनना चाहती थी और बीजेपी के काम करने के तरीके और उनकी विचारधारा से बहुत प्रभावित हुई.”
उन्होंने कहा, “यह बहुत दुखद है कि बीजेपी की उसकी (विचारधारा) के लिए इतनी आलोचना हो रही है. अन्य दल नफरत फैलाने वाले भाषणों के बारे में बात करते हैं जब वे वास्तव में नफरत फैला रहे होते हैं.”
उन्होंने कहा, “चुनाव प्रचार के दौरान इधर-उधर कुछ कहना एक बात है, लेकिन मुझे उनके (बीजेपी के) शासन में कुछ भी ऐसा परिलक्षित होता दिखाई नहीं दिया. मुझे शासन की परवाह है न कि कुछ ऐसा जो कहा और किया जाता है.”
सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार के पांच साल के शासन ने उन्हें एक महिला, जनप्रतिनिधि और युवा राजनेता के रूप में प्रभावित किया और उनका भगवा खेमे में जाना वोट बैंक की राजनीति से प्रभावित नहीं था.
अपने पहले कार्यकाल के दौरान एक विधायक के रूप में अपनी उपलब्धियों पर, उन्होंने कहा कि रायबरेली एक “बहुत सुरक्षित स्थान” है और वह कुछ ऐसा है जिसे वह आगे बढ़ाना चाहती हैं.
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