'नहीं होगा कोई समझौता, हम लड़ेंगे और दिखाएंगे की हमारी स्थिति क्या है', ज्ञानवपी पर ओवैसी ने दिया बड़ा बयान
असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'फैसले वाले दिन जज साहब का आखिरी दिन था. ऐसे में उन्होंने पूरा केस ही डिसाइड कर दिया. उन्होंने अपने मन से फैसला दे दिया. अदालत ने जो फैसला लिया है, उससे पूरे मामले को तय कर लिया गया है. यह गलत फैसला है.'
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Uttar Pradesh News : वाराणसी की जिला और सत्र कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी (Gyanvapi Case) में स्थित व्यासजी के तहखाने में नियमित रूप से पूजा-पाठ शुरू हो गया है. कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन की मीटिंग हुई और 11 घंटे बाद ही कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया गया और तहखाने में शयन आरती हुई. उसके बाद 1 फरवरी से तीनों समय की नियमित पूजा शुरू कर दी गई. वहीं ज्ञानवापी मामले में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया टुडे से किए गए खास बातचीत मेे बड़ा बयान दिया है.
मुस्लिम समुदाय को खुली धमकी है...
बता दें कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने रविवार को काशी, मथुरा को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि, अयोध्या के बाद काशी और मथुरा के धार्मिक स्थलों का शांति से मिल जाने के बाद हम लोग किसी अन्य सभी मंदिरों से संबंधित मुद्दों को छोड़ देंगे. गोविंद देव गिरि महाराज के इस बयान पर रिएक्शन देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'ये बयान मुस्लिम समुदाय के लिए एक खुली धमकी की तरह है, जैसे 6 दिसंबर की घटना को अंजाम दिया है ठीक उसी तरह से अब ये बयान दिया जा रहा है.'
वाराणसी के कोर्ट ने ज्ञानवापी में स्थित व्यासजी के तहखाने में नियमित रूप से पूजा की अनुमती दी,इस फैसले को किस तरह से देखते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'फैसले वाले दिन जज साहब का आखिरी दिन था. ऐसे में उन्होंने पूरा केस ही डिसाइड कर दिया. उन्होंने अपने मन से फैसला दे दिया. अदालत ने जो फैसला लिया है, उससे पूरे मामले को तय कर लिया गया है. यह गलत फैसला है.'
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कोर्ट के फैसले उठाया सवाल
ओवैसी ने आगे कहा कि, '1993 के बाद से वहां कुछ नहीं हो रहा था. ऐसे में यह इजाजत कैसे दी जा सकती है. ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा की इजाजत देना पूरी तरह गलत है. फैसले के खिलाफ अपील के लिए 30 दिन का समय देना चाहिए था. कोर्ट का यह फैसला देश के मौजूदा कानूनों और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ हैं. यह फैसला प्रोटेक्शन ऑफ वर्शिप प्लेसेज एक्ट 1991 के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने ये स्पष्ट किया है कि यह एक्ट संविधान पर आधारित है. यहां पूजा की मंजूरी देना इसका उल्लंघन है.'
नहीं होगा कोई समझौता...
ज्ञानवापी मामले में आगे बोलते हुए असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि, 'बाबरी मस्जिद मामले में ASI ने खनन किया था और ज्ञानवापी में केवल सर्वे किया गया है. सर्वे और खनन दोनों अलग-अलग चिजें हैं. सर्वे में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ज्ञानवापी के लिए किसी भी धार्मिक ढांचे को गिराया गया था.' वहीं ये पूछने पर ज्ञानवापी मामले में कोर्ट के बाहर कोई समझौता होगा क्या? इसपर ओवैसी ने कहा कि कोर्ट के कोई समझौता नहीं होगा. हम इसकी लड़ाई कानूनी रूप से लड़ेंगे और हम अदालतों को दिखाएंगे कि हमारी स्थिति क्या है. ये ख़त्म नहीं होगा, ये रुकेगा नहीं.
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