वक्फ बिल को लेकर लोकसभा में भिड़े अमित शाह और अखिलेश, जानें किसने क्या कहा?
केंद्र सरकार गुरुवार को निचले सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश किया. आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के इस कदम का यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध किया है.
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UP News: केंद्र सरकार गुरुवार को निचले सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ और ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ पेश किया. आपको बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के इस कदम का यूपी के पूर्व सीएम और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विरोध किया है. इस मुद्दे पर लोकसभा में बोलते हुए अखिलेश ने एक ऐसा बयान दिया, जिसका तुरंत ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया.
दरअसल, अखिलेश यादव ने कहा, "ये बिल जो इंट्रोड्यूस हो रहा है, बहुत सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को शामिल करने का औचित्य क्या बनता है. इतिहास के पन्नों को पलटे होते, एक जिलाधिकारी थे, उन्होंने क्या किया ये हम सब जानते हैं. बीजेपी हताश और निराश है. तुष्टिकरण के लिए, अपने कुछ मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए ये बिल ला रही है. अल्पसंख्यकों के अधिकार छीने जा रहे हैं. लॉबी में सुना है कि कुछ अधिकार आपके भी छीने जा रहे हैं और हम इसका विरोध करेंगे."
इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'अखिलेश यादव आप इस तरह की गोलमोल बातें सदन में नहीं कर सकते. आप नहीं हो अध्यक्ष के अधिकारों के संरक्षक.' फिर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि 'हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आसन पर, संसद की आंतरिक व्यवस्था पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.'
अखिलेश ने X पर ये सब सब कहा
अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड का ये सब संशोधन भी बस एक बहाना है. रक्षा, रेल, नजूल भूमि की तरह जमीन बेचना निशाना है." उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड की जमीनें, रक्षा जमीन, रेल भूमि, नजूल भूमि के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं. भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती: भाजपाई-हित में जारी." यादव ने इसी पोस्ट में मांग की कि इस बात की लिखित में गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी.
उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है. उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘जमीन’ लिखकर नया नामकरण कर देना चाहिए: भारतीय जमीन पार्टी."
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क्यों हो रहा इसका विरोध?
माना जा रहा है कि संसद में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम हो जाएंगी. अखिलेश यादव पहले ही इस विधेयक का विरोध करने की बात कह चुके हैं. उन्होंने गत पांच अगस्त को संवाददाताओं से बातचीत में कहा था, ‘‘हम लोग इसके (वक्फ अधिनियम में संशोधन संबंधी विधेयक) खिलाफ रहेंगे." उन्होंने कहा था, "भाजपा के पास हिंदू-मुस्लिम करने या मुसलमान भाइयों के अधिकारों को कैसे छीना जाए, उनके अपने धर्म को लेकर उन्हें जो संविधान में अधिकार दिए गए हैं, उन्हें कैसे छीना जाए, बस यही काम है."
सत्तारूढ़ भाजपा पर प्रस्तावित वक्फ अधिनियम में संशोधन की आड़ में वक्फ की जमीन बेचने की योजना बनाने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि वह रियल एस्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपना नाम बदलकर ‘भारतीय जमीन पार्टी’ रख लेना चाहिए. वहीं, इस दौरान अखिलेश ने कहा कि 'अध्यक्ष जी आपके भी अधिकारों का हनन हो रहा है.' वहीं, अखिलेश के इस बयान का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि 'ये आसन का अपमान है. '
जानें अखिलेश ने और क्या-क्या कहा?
अखिलेश ने कहा, "वक्फ बोर्ड की जमीनें, रक्षा जमीन, रेल भूमि, नजूल भूमि के बाद भाजपाइयों के लाभार्थ योजना की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं. भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती: भाजपाई-हित में जारी."
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