UP में सपा को झटका, राष्ट्रपति चुनाव में राजभर ने गठबंधन से किया किनारा, बताई ये वजह

संतोष शर्मा

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राष्ट्रपति चुनाव के नजदीक आते ही उत्तर प्रदेश का सियासी समीकरण बदलता हुआ नजर आ रहा है. सुभासपा के अध्यक्ष और सपा गठबंधन के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना दिशा बदल ली है. राजभर ने गठबंधन से अलग बीजेपी समर्थित एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है. लखनऊ में बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर ओम प्रकाश राजभर ने सपा के साथ अपने अनबन को साफ कर दिया है. राजभर ने कहा- मैंने अखिलेश यादव का इंतजार किया. रिस्पॉन्स नहीं मिला उसके बाद ये निर्णय लिया.

ओम प्रकाश राजभर ने कहा- जब जयंत चौधरी को बुलाया जा सकता है तो ओम प्रकाश राजभर को क्यों नहीं. हम अभी भी गठबंधन में हैं. वो चाहे तो निकालें. मैं सिर्फ अपनी पार्टी के नेताओ को जिताने के लिए सीट मांगता हूं और कुछ नहीं. उनके नवरत्नों में से एक रत्न ने बता दिया था 5 जुलाई को फोन कर कि आप अपना देखो, हम अपना देखेंगे. 7 तारीख को पार्टी में मीटिंग हुई.

गृहमंत्री शाह ने बुलाया था दिल्ली- राजभर

ओम प्रकाश राजभर ने कहा- हमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुलाया और मैं डिनर पार्टी में गया. जहां द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आप कमजोर की लड़ाई लड़ते हो तो हमारा समर्थन करें. 12 जुलाई को मेरे पास अमित शाह जी का फोन आया. मिलने को कहा तो मैं मिलने गया था. गृहमंत्री अमित शाह ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने को कहा. हमने अपनी पार्टी के एमएलए के साथ मीटिंग की. हमारी पार्टी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करती है. मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक अब्बास अंसारी भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करेंगे.

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इधर मीडिया में जब ये खबर आई कि सुभासपा के अध्यक्ष सपा की तरफ से दी गई फॉर्च्यूनर से चलते हैं तो सबसे पहले ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने इसका खंडन किया और कहा कि सपा के फॉर्च्यूनर से नहीं बल्कि अपनी इनोवा से चलते हैं. इधर प्रेस कांफ्रेंस में भी ओम प्रकाश राजभर ने कहा- मैं इनोवा और स्कॉर्पियो से चलता हूं. मै कभी फॉर्च्यूनर से नहीं चलता. मुझे तो नहीं कौन सी फॉर्च्यूनर दी गई थी.

भाजपा प्रवक्ता ने राजभर के इस कदम का स्वागत किया

राष्ट्रपति चुनाव में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करने पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि राजग की राष्ट्रपति प्रत्याशी द्रोपदी मुर्मू को समर्थन कर ओमप्रकाश राजभर ने शोषित वंचित समाज के हित चिंतक होने का परिचय दिया. राजभर के समर्थन का स्वागत, अन्य विपक्षी दल भी समर्थन के लिए करें पुनर्विचार, आजादी के बाद पहला मौका जब देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिल सकेंगी.

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