मैनपुरी उपचुनाव: अखिलेश-शिवपाल के साथ आने से BJP ने बदली रणनीति, अब बिछाया ये सियासी जाल

शिल्पी सेन

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समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट का चुनाव रोचक होता जा रहा है. शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ आने से जहां सपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह है तो वहीं बीजेपी के रणनीतिकारों को नए सिरे से रणनीति तय करनी पड़ रही है. बीजेपी ने अपने तय फ़ॉर्म्युला में बदलाव करते हुए संगठन के कई नेताओं को मैनपुरी में उतार दिया है. वहीं खुद यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री ने मैनपुरी में मोर्चा सम्भाल लिया है.

मैनपुरी उपचुनाव (Mainpuri Bypoll) में मुलायम के नाम पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में एकजुटता हो गई है. अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को मना लिया है तो शिवपाल यादव ने भी अपने कार्यकर्ताओं को डिम्पल यादव के पक्ष में वोट देने की अपील की है. इस बीच बीजेपी के रणनीतिकारों को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ा है.

यूपी बीजेपी के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने मोर्चा सम्भाल लिया है. धर्मपाल सिंह मैनपुरी में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच कर बैठक कर रहे हैं. बीजेपी में मैनपुरी में माइक्रो मैनेजमेंट करते हुए संगठन के अलग-अलग कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी है.

जसवंतनगर में मानवेंद्र सिंह, करहल में सुभाष यदुवंश और किशनी में संतोष सिंह को जिम्मेदारी

बीजेपी को पिछले चुनाव में अपने अनुभव को देखते हुए सबसे ज्यादा अपने माइक्रो मैनेजमेंट पर ही भरोसा है. ऐसे में पार्टी में बूथ, शक्ति केंद्र, मंडल और जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं का जाल फैला दिया है. पहले योगी सरकार के मंत्रियों को उपचुनाव के लिए प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी थी. अब संगठन के नेताओं को लगाया गया है.

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बीजेपी अपना प्लान बी लागू करते हुए मैनपुरी में विधानसभावार प्रभारी तय कर दिए हैं. जसवंतनगर विधानसभा में पार्टी के कानपुर बुंदेलखंड के अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह को लगाया गया है तो वहीं करहल में एमएलसी और प्रदेश मंत्री सुभाष यदुवंश को जिम्मेदारी दी गई है. प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह की किशनी विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है. ये नेता रातोंरात मैनपुरी पहुंच भी गए हैं.

पार्टी के प्रदेश मंत्री और एमएलसी सुभाष यदुवंश का कहना है कि ‘मुलायम सिंह यादव जी के और डिम्पल यादव जी के कद में बड़ा अंतर है. और जब बीएसपी साथ थी तब भी मुलायम सिंह यादव जी सिर्फ 94 हजार वोटों से जीते थे. अब नेताजी नहीं हैं और बीएसपी साथ नहीं है. ऐसे में बीजेपी की नीतियों, मोदी और योगी सरकार के काम को देखते हुए प्रचंड बहुमत से बीजेपी की जीत होगी.’

बीजेपी ने मैनपुरी के लिए एक केंद्र बनाया है जिसमें बूथ मैनेजमेंट से संबंधित सभी बातों को दर्ज किया जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी पार्टी में पहले के चुनावों में प्रबंधन में शामिल त्र्यंबक त्रिपाठी को दी गई है. पंजाब के पूर्व संगठन मंत्री दिनेश कुमार को मैनपुरी में बैठकों के लिए प्रभार दिया गया है.

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पार्टी में हर क्षेत्र में रोज बैठकें कर दिन का कार्यक्रम तय किया का रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी का कहना है कि ‘पार्टी संगठन जिलों में हर जगह खड़ा है. पार्टी को अपने संगठन के स्ट्रक्चर पर भरोसा है.’

मैनपुरी में चाचा शिवपाल यादव के मान जाने के बाद बीजेपी ने अपनी हर इकाई को सक्रिय कर दिया है. सेक्टर की बैठक, शक्ति केंद्र की बैठक मंडल और जिले की बैठक भी अलग-अलग की जा रही है. इन सबके लिए अलग से पार्टी ने पदाधिकारी तय किए हैं. शक्ति केंद्रों पर ‘प्रवासी’ कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है. मैनपुरी की 5 विधानसभा सीटों पर भी प्रभारी तय हो रहे हैं. शक्ति केंद्रों पर बाहर से ‘प्रवासी’ कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है. जल्द ही मुख्यमंत्री और बड़े नेताओं की रैली शुरू होने वाली है. पार्टी उससे पहले माहौल बनाएगी.

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