ओवैसी ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने के योगी सरकार के फैसले की आलोचना की

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एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के यूपी की योगी सरकार (Yogi government) के फैसले की गुरुवार को आलोचना की और आरोप लगाया कि यह कदम मुसलमानों को परेशान करने के लिए उठाया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकार को इन मदरसों के कामकाज में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि ये निजी मदरसे हैं और मदरसा बोर्ड के अनुसार मान्यता प्राप्त नहीं हैं. साथ ही ये सरकार से कोई सहायता प्राप्त नहीं करते हैं.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “…निजी मदरसों का न तो सरकार से कोई लेन-देन है और न ही सरकार उन्हें फंड मुहैया कराती है. मदरसा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसों का सरकार से संबंध होता है…”

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 30 के अनुसार (अल्पसंख्यकों के पास) अपनी पसंद का शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का मौलिक अधिकार होता है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार पिछले चार साल से मदरसा बोर्ड से जुड़े मदरसों में वेतन का भुगतान नहीं कर रही है.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण करने के अपने निर्णय की घोषणा की, ताकि शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम और वहां उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जा सके.

अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि मदरसों में छात्रों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में राज्य सरकार राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आवश्यकता के अनुसार सर्वेक्षण करेगी.

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