भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय, यूपी के संस्कृति विभाग और वाराणसी जिला प्रशासन ने मिलकर इस भव्य आयोजन को संपन्न कराया.
इस भव्य आयोजन में वेदपाठी छात्रों से लेकर लोक कलाकार और पंडित-पुजारी तक शामिल हुए. लगभग 10 मिनट तक लगातार शंख बजता रहा.
एक साथ 1001 शंखवादन के जरिए विश्व रिकॉर्ड का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 1061 शंख एक साथ बजने के दावे किए गए.
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक सुरेश शर्मा ने बताया कि अभी तक 365 शंखों के एक साथ बजने का रिकॉर्ड रहा है, लेकिन पहली बार 1001 एक शंख का लक्ष्य रखा था, लेकिन 1061 शंख बजे हैं.
बकौल शर्मा, “इसका मकसद रहा कि शंख से निकलने वाली ध्वनि-प्रतिध्वनि से वर्ष के पहले दिन ही नकारात्मक शक्तियों का नाश कर दे, इसके साथ विश्व का अनोखा रिकॉर्ड भी बना है.”
शंखनाद में हिस्सा लेने कन्हैया दुबे ने बताया कि साल 2022 की शुरुआत कोरोना महामारी से हुई है और शंख बजने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है.