लेटेस्ट न्यूज़

कौन हैं BHU से राजनीति विज्ञान में डिग्री लेने वालीं सुशीला कार्की जो बन सकती हैं नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री?

समर्थ श्रीवास्तव

Sushila Karki BHU Connection: नेपाल में आंदोलनकारियों युवाओं ने जिन सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव किया है, वह देश के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं.

ADVERTISEMENT

Nepal Sushila Karki
Nepal Sushila Karki
social share
google news

Sushila Karki BHU Connection: नेपाल में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल और जेन-जी के विरोध प्रदर्शन के बीच सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने की चर्चा है. नेपाल में आंदोलनकारियों युवाओं ने जिन सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव किया है, वह देश के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं. सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं सुशीला का भारत से भी गहरा नाता रहा है. उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (postgraduation) की डिग्री ली है.

कौन हैं सुशीला कार्की?

नेपाल के विराटनगर में 7 जून, 1952 को जन्मी सुशीला कार्की सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. उनके पति दुर्गा प्रसाद सुबेदी भी बनारस में ही पढ़े पढ़े हैं. नेपाली कांग्रेस के युवा नेता रहे सुबेदी को पंचायत शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान विमान अपहरण में भूमिका के लिए भी जाना जाता है. सुशीला ने 1972 में महेंद्र मोरंग परिसर विराटनगर से बीए की डिग्री ली.

सुशीला कार्की ने 1975 में बीएचयू से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की थी और इसके बाद नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया. 1979 में विराटनगर में वकालत शुरू करने वालीं सुशीला को 2009 में सुप्रीम कोर्ट में एड हॉक जस्टिस नियुक्त किया गया और 2010 में उनकी नियुक्ति स्थायी हुई. वह 11 जुलाई 2016 को नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनीं और 7 जून 2017 तक पद पर रहीं.

यह भी पढ़ें...

साहित्य में रुचि रखती हैं सुशीला

सुशीला साहित्य में भी रुचि रखती हैं. उनकी दो पुस्तकें न्याय और कारा भी प्रकाशित हो चुकी हैं. न्याय आत्मकथा है. सुप्रीम कोर्ट में उनके कई फैसले अहम रहे, जिनमें नेपाल ट्रस्ट कार्यालय बनाम प्रेरणा राज्य लक्ष्मी राणा (पूर्व शाही राजकुमारी की संपत्ति) और पृथ्वी बहादुर पांडे बनाम काठमांडू जिला न्यायालय (ऑस्ट्रेलिया में पॉलीमर बैंक नोटों की छपाई में भ्रष्टाचार) का मामला भी शामिल है. 30 अप्रैल 2017 को माओवादी केंद्र और नेपाली कांग्रेस की ओर से कार्की के खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था. हालांकि, जनता के दबाव और सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के वाद महाभियोग प्रस्ताव वापस ले लिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने संसद को प्रस्ताव पर आगे न बढ़ने का आदेश दिया था.

ये भी पढ़ें: वाराणसी के टॉप स्कूल टीचर प्रवीण झा को पूर्व कुलपति के बेटे ने पीट-पीट कर मार डाला, कौन है ये आदर्श सिंह?

    follow whatsapp