2 मई 1991 को बृजेश ने मेरे ऊपर गोली चलवाई... पॉडकास्ट में अफजाल अंसारी बोले- कोई दुश्मनी नहीं, वो पेशेवर हत्यारा
गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी ने 'UP Ki Baat' में बृजेश सिंह से 30 साल पुरानी दुश्मनी का सच बताया. 1991 के हमले, पूर्वांचल गैंगवार, सत्ता संरक्षण की कई कहानियां सुनाईं और गंभीर दावे किए. पढ़िए और देखिए ये खास इंटरव्यू.
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यूपी Tak के स्पेशल पॉडकास्ट 'यूपी की बात' में गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने पहली बार खुलकर बृजेश सिंह के साथ अपने और परिवार की दुश्मनी के कई पुराने और बड़े राज खोले. अफ़ज़ाल ने दावा किया है कि 2 मई 1991 को कुंडेसर में उनके ऊपर बृजेश सिंह ने गोलियां चलाईं जिसमें वे बच गए लेकिन चार अन्य मारे गए. अफ़ज़ाल दावे से कहते हैं कि बृजेश सिंह को वे उस वक्त तक जानते तक नहीं थे, लेकिन उसके बाद भी कई बार हथियारबंद हमले हुए. 10 साल बाद मुख्तार अंसारी पर 2001 में उसरी चट्टी पर हमला, उनकी गाड़ी पर बार-बार घात लगा कर हमले और हत्या की कोशिशें हुईं. अफजाल ने दावा किया कि सब बृजेश सिंह के इशारे पर बताई गईं.
इस पूरे पॉडकास्ट को यहां नीचे देखा जा सकता है
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गैंगवार, हत्या, राजनीति - पूर्वांचल की 'जानी दुश्मनी' का सच
अफ़ज़ाल के मुताबिक बृजेश सिंह "पेशेवर हत्यारा" हैं जिनका लंबा आपराधिक इतिहास है. अफजाल अंसारी ने सिकरौड़ा कांड, दिलकुशा चौराहा, शराब ठेकेदार जैसी कई चर्चित हत्याओं की कहानी सुनाई है. अफ़ज़ाल का आरोप है कि बृजेश सिंह ने फर्जी नाम, पासपोर्ट, शस्त्र लाइसेंस लेकर अपनी पहचान और संपत्ति दोनों छुपाने का प्रयास किया. उन्होंने दावा किया कि 'बृजेश सिंह की ईडी जांच होनी चाहिए'. अफजाल ने सोनभद्र की माइनिंग, कोयला, बालू, ड्रग माफिया तक नेटवर्क का आरोप भी बृजेश सिंह पर लगाया.
कानून, सुरक्षा, और 'सत्ता संरक्षण' पर सवाल
अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि बृजेश सिंह को आज भी सत्ता और सरकारी संरक्षण मिलता है. अफजाल ने अपनी हत्या की साजिश की आशंका जताई है. साथ ही ये भी कहा कि मैं डरने वाला नहीं हूं, सजदे में सिर सिर्फ एक के आगे झुकता है, बाकी किसी से डर नहीं.











