PFI के पकड़े गए दो सदस्यों को वाराणसी कोर्ट में किया गया पेश, 14 दिन की न्यायिक रिमांड में
2 दिनों पहले देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों और सदस्यों पर हुई छापेमारी की घटना की कड़ी में वाराणसी के…
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2 दिनों पहले देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों और सदस्यों पर हुई छापेमारी की घटना की कड़ी में वाराणसी के भी अलग-अलग क्षेत्रों से दो पीएफआई सदस्यों को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था.
इन दोनों को वाराणसी (Varanasi News) के रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से मजिस्ट्रेट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है. इसके अलावा पुलिस ने भी मामले के संबंध में आगे की जांच पड़ताल के लिए न्यायालय से 7 दिनों के रिमांड की मांग की है.
2 दिनों पहले देश के अलग-अलग कोनों और उत्तर प्रदेश में भी पीएफआई के कई ठिकानों पर एनआईए के नेतृत्व में छापेमारी की गई थी. इस कड़ी में वाराणसी में भी छापेमारी करके एटीएस की टीम ने जैतपुरा क्षेत्र के कच्ची बाग से रिजवान अहमद और आदमपुर क्षेत्र के आलमपुर से मो. शाहिद को गिरफ्तार किया था. इन्हीं दोनों अभियुक्तों की पुलिस रिमांड के लिए शनिवार को पुलिस टीम ने अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन जज अलका की अदालत में पेश किया.
कोर्ट में पेशी के लिए लाए जाने पर दोनों अभियुक्तों में से एक ने बताया कि उन्हें अपनी गिरफ्तारी को लेकर कोई जानकारी नहीं है.
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कोर्ट के अंदर पुलिस की तरफ से पुलिस अधिकारी ने पकड़े गए PFI सदस्यों पर आरोप लगाया कि दोनों ही ज्ञानवापी मस्जिद के लिए चंदा उतार रहे थे और लोगों की धार्मिक भावना भड़काने की कोशिश कर रहे थे. दोनों पर आरोप है कि वे इस्लामिक स्टेट के लिए षड़यंत्र भी रच रहे थे.
पुलिस की तरफ से जो धाराएं पीएफआई के कथित सदस्यों पर लगाई गई हैं, वह है- 121A, 153A, 295A, 109, 13(1) (A)(B) अनलॉफुल प्रीवेंशन एक्ट, 120B थी. इसके अलावा पुलिस ने कोर्ट में 6 सेट में इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित दस्तावेज और दो सेट में अन्य दस्तावेज भी पेश किए. लगभग आधे घंटे तक पुलिस की दलील सुनने के बाद और कोर्ट की चली कार्यवाही के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट अलका ने 14 दिनों न्यायिक रिमांड पर दोनो अभियुक्तों को जेल भेज दिया.
कोर्ट में मौजूद वाराणसी के कोतवाली सर्किल के एसीपी त्रिलोचन त्रिपाठी ने कोर्ट से अभियुक्तों के घर को खंगालने, अन्य सहयोगियों के बारे में जानकारी के लिए, फंडिंग के बारे में जानकारी के लिए, अकाउंट नंबर की जानकारी के लिए, अन्य इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल फोन की बरामदगी के लिए अभियुक्तों की 7 दिनों की रिमांड की मांग की है.
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