ज्ञानवापी परिसर का होगा ASI सर्वे, वाराणसी जिला अदालत ने दिया बड़ा फैसला

रोशन जायसवाल

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Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला कोर्ट की ओर से ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे पर बड़ा फैसला आ गया है. वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे कराने का आदेश दिया है. ज्ञानवापी मस्जिद के शिल्ड एरिया को छोड़कर ASI से सर्वे कराने का जिला जज ने आदेश दिया है.

वहीं ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारा आवेदन स्वीकार कर लिया गया है. यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है.’

एएसआई सर्वे पर टिका था ये मामला

बता दें कि वुजुखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने की मांग हिंदू पक्ष की ओर से की गई थी. इस पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी. इस फैसले पर ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे क मामला टिका हुआ था. हिंदू पक्षकारों की मांग का मुस्लिम पक्ष और मसाजिद कमिटी ने कोर्ट में पुरजोर विरोध किया था. बता दें कि 16 मई 2023 को चारों वादी महिलाओं की तरफ से हिंदू पक्ष ने एक प्रार्थनापत्र दिया था, जिसमें मांग की गई थी कि ज्ञानवापी मस्जिद के सिल्ड एरिया को छोड़कर बाकी के परिसर की ASI से जांच हो. बीते 14 जुलाई को ही वाराणसी जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने इस मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी.

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इन चार महिलाओं ने कोर्ट से लगाई थी गुहार

ज्ञानवापी सर्वे की मांग 4 महिलाओं की ओर से की गई है. कोर्ट ने 14 जुलाई को सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया था. 21 जुलाई को आदेश पारित किए जाने की तिथि दी गई. वाराणसी की 4 महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक ने 16 मई को जिला जज की अदालत में अर्जी देकर गुहार लगाई थी कि बुजुखाना को छोड़कर सभी हिस्सों का वैज्ञानिक तरीके से सर्वेक्षण कराया जाए.

हिन्दू पक्ष ने किया था ये दावा

दरअसल पिछले साल 16 मई 2022 को सर्वेक्षण के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में एक संरचना मिली थी, जिसे हिंदू पक्ष ने “शिवलिंग” और मुस्लिम पक्ष ने “फव्वारा” होने का दावा किया. वहीं ज्ञानवापी परिसर विवाद से जुड़े सभी मामलों को कोर्ट में एक साथ सुनवाई हो रही है. बता दें कि ज्ञानवापी मामले में जिन केसों को क्लब किया है उनमें ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग मिलने, उसकी वैज्ञानिक जांच और परिसर का सर्वेक्षण, श्री विश्वनाथ जी को अपने अतिशय क्षेत्र पर अधिकार, माता श्रृंगार गौरी की पूजा का अधिकार आदि प्रकरण से जुड़े सभी सात केस की सुनवाई अब एक साथ होगी.

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