मेडिकल उपकरण मंगाए और डिलिवरी बॉय दे गया नैपकीन, संभल की डिप्टी कलेक्टर वंदना संग हुआ फ्रॉड

अभिनव माथुर

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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में तैनात डिप्टी कलेक्टर डॉ. वंदना मिश्रा के साथ ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेजन द्वारा फ्रॉड का मामला सामने आया है. दावा है कि डिप्टी कलेक्टर वंदना मिश्रा ने 30 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान करके मेडिकल उपकरण मंगाए थे, लेकिन इसके बदले बॉक्स के अंदर नैपकिन का पैकेट निकला. अमेजॉन कंपनी के फ्रॉड से नाराज डिप्टी कलेक्टर ने अब कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कंज्यूमर कोर्ट जाने और एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है.


ये है पूरा मामला

दरअसल, संभल जिले के बहजोई कलेक्ट्रेट में डिप्टी कलेक्ट्रेर के पद पर तैनात महिला पीसीएस अधिकारी डॉ. वंदना मिश्रा ने अमेजन पर बुकिंग करके मेडिकल उपकरण मंगाए थे, जिसके बदले उन्होंने तीस हजार रुपये का भुगतान भी ऑनलाइन ही किया था. अमेजन की तय डिलीवरी डेट के अनुसार बुकिंग ऑर्डर पीसीएस अधिकारी के आवास पर पहुंचा और कंपनी के डिलीवरी बॉय की तरफ से ओटीपी पूछने के बाद ऑर्डर वंदना मिश्रा को हैंडोवर कर दिया. 

 

 

दावा है कि जैसे ही ऑर्डर पीसीएस अधिकारी वंदना मिश्रा के हाथों में पहुंचा तो उसके वजन को लेकर कुछ गड़बड़ होने का शक हुआ. इसके बाद वंदना मिश्रा ने जब डिब्बे को खोला तो उसके अंदर बुक किए गए 30 हजार कीमत के मेडिकल उपकरण के बजाय सौ रुपये से भी कम कीमत का नेपकीन पैकेट निकला. इसे देखते ही महिला अधिकारी का शक भी हकीकत में बदल गया. 

इसके बाद महिला अधिकारी ने डिलीवरी बॉय को वापस बुलाकर फटकार लगाई और फिर अमेजन कंपनी के कॉल सेंटर पर फोन  करके कार्रवाई की चेतावनी दी. इस तरह से संभल जिले में कलेक्ट्रेट पर तैनात महिला पीसीएस अधिकारी के साथ तीस हजार रुपये  के ऑनलाइन फ्रॉड की घटना सामने आई. अमेजन कंपनी की इस हरकत से नाराज वंदना मिश्रा ने अब कंपनी के खिलाफ एक्शन लेने की बात कहते हुए कंज्यूमर कोर्ट जाने और एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है.

 

 

वंदना मिश्रा ने यूपी Tak को ये बताया

डिप्टी कलेक्टर वंदना मिश्रा ने यूपी Tak को बताया, "रेसमेट और सीपैप मंगाया था. लेकिन अमेजन द्वारा हमें सीपेप की जगह नैपकिन डिलीवर किया गया और 30 हजार रुपए की कीमत का यह ऑर्डर था. लेकिन उस बॉक्स के अंदर 100 रुपये से भी कम कीमत का नैपकिन निकला. अब हम कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में भी जाएंगे और एफआईआर भी दर्ज कराएंगे. इस घटना से यह स्पष्ट हो रहा है कि आम लोगों के साथ भी न जाने कितने फ्रॉड होते होंगे और वह किसी स्थिति में भी नहीं पहुंच पाते होंगे. फिलहाल डिलीवरी बॉय को छोड़ दिया गया है और कंपनी के ऑफिशियल से बात हुई है. जो लोग ऑनलाइन सामान मांगते हैं उनके लिए यह संदेश है कि वह डिलीवरी के दौरान चेकिंग करने के बाद ही ओटीपी उपलब्ध कराएं.
 

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