‘पिता की जान बचा लो मी लॉर्ड, जेल में हो सकती है हत्या’…मुख्तार अंसारी के बेटे की सुप्रीम कोर्ट में लगाई ये गुहार

यूपी तक

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Mukhtar Ansari News: ‘वक्त आदमी को अर्श से फर्श पर लाकर पटक देता है’, ये कहावत माफिया मुख्तार अंसारी पर फिट बैठती है. एक समय ऐसा था जब मुख्तार की पूर्वांचल में तूती बोलती थी. वह आसानी से कानून व्यवस्था को अपने इशारों पर नचाता था. मुख्तार को एक समय जेल से ‘प्यार’ हो गया था. वो जेल में बैठकर वो सब कर लेता था जो आम कैदी कभी सपने में भी न सोच पाए. इस बात को कहने में कोई हर्ज नहीं है कि मुख्तार को एक समय जेल से कोई गुरेज नहीं था. मगर समय कभी एक जैसा नहीं रहता. आज उसी मुख्तार को जेल से डर रहा है. उसने कई बार कोर्ट में जज के सामने गुहार लगाई है कि जेल में उसकी हत्या हो सकती है. इस बार अपने छोटे बेटे उमर अंसारी के जरिए उसने देश की सर्वोच्च अदालत में अर्जी लगाई है.

आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है. उमर ने अपने पिता मुख्तार को बांदा जेल से किसी दूसरी जेल में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है. उमर का आरोप है कि बांदा जेल में मुख्तार की जान को खतरा है.उमर ने यूपी पुलिस पर भी बड़ा आरोप लगाया है. उसका कहना है कि यूपी पुलिस किराए के हत्यारों के जरिए मुख्तार की हत्या करा सकती है. इसके लिए साजिश रची जा रही है, जिसकी भनक उसे और उसके परिजनों को लग गई है.

याचिका में कहा गया है, ”याचिकाकर्ता (उमर अंसारी) को भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह रिट याचिका दायर करने का अधिकार है. याचिकाकर्ता को अपने पिता यानी मुख्तार अंसारी की जान खतरे में प्रतीत हो रही है, जो वर्तमान में बांदा जेल (उत्तर प्रदेश) में बंद हैं.” इसमें ये भी कहा गया है कि पुलिस मुख्तार की हत्या के लिए किराए के हत्यारों का इस्तेमाल कर सकती हैं. उन्हें छोटे-मोटे अपराध में गिरफ्तार कर बांदा जेल ले जाएगी, जहां मुख्तार बंद है.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में ये भी कहा गया है, 3 मई 2023 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के पिता सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया था, इसके बावजूद 18 मई को कुछ अज्ञात और संदिग्ध लोग उसके पिता की बैरक में आए थे.

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