प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरी के बंद कमरे में मिले 3 करोड़ कैश, करोड़ों के जेवरात और घी?
साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के तकरीबन एक साल बाद सीबीआई की टीम…
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साधु संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के तकरीबन एक साल बाद सीबीआई की टीम गुरुवार को सरकारी अमले के साथ प्रयागराज के श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में पहुंची. सीबीआई की टीम ने पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में महंत नरेंद्र गिरि के सील किए हुए कमरे को खोला.
सूत्रों के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि के शयन कक्ष में 3 करोड़ के लगभग कैश, करोड़ों के जेवरात और कुछ जमीनों के कागजात के अलावा 13 कारतूस व करीब 9 कुंतल देशी घी मिलने की खबर है. ये चीजें महंत बलवीर गिरी को सौंप दिया गया है, लेकिन इस मामले में कोई बोलने को तैयार नहीं है. यह कमरा मठ के मेन गेट के पास स्थित बिल्डिंग की पहली मंजिल पर स्थित है.
महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद प्रयागराज पुलिस ने मठ के दो कमरों को सील किया था. एक वह कमरा, जिसमें महंत नरेंद्र गिरि का शव संदिग्ध हालत में फंदे से लटकता हुआ पाया गया था और दूसरा वह कमरा जिसमें महंत नरेंद्र गिरि रहते थे.
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जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरी का शव फंदे से लटकता पाया गया था, वह केस प्रॉपर्टी है. मुकदमे का ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में वह कमरा सिर्फ अदालत के आदेश से ही खोला जा सकता है, लेकिन पहली मंजिल के जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि रहते थे, उसे खोले जाने की कार्यवाही की गई है.
मठ में महंत नरेंद्र गिरि का कमरा खोले जाने के लिए सीबीआई और पुलिस प्रशासन की टीम गुरुवार दोपहर करीब 2:00 बजे पहुंची थी. इस दौरान मठ के सभी दरवाजों को अंदर से बंद कर लिया गया था. इस दौरान किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं दी जा रही थी. मीडिया के लोगों को भी सिर्फ एक हिस्से तक सीमित रखा गया था और ऊपर की मंजिल पर उस जगह नहीं जाने दिया गया, जहां पर कमरा खोले जाने की कार्यवाही की गई है.
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितंबर, 2021 को प्रयागराज में उनके मठ बाघंबरी गद्दी में पंखे से लटका हुआ पाया गया था. पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने 20 नवंबर, 2021 को एक स्थानीय अदालत में आनंद गिरि और दो अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
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