संभल DM ने नगर पालिका में मारा छापा तो सामने आया बड़ा घोटाला, सरकारी पैसा यूं किया जा रहा था गबन
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कई अफसरों की टीम के साथ बुधवार को नगर पालिका परिषद पर छापेमारी की. 7 घंटे तक डीएम की नगर पालिका में छापेमारी चलती रही.
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Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कई अफसरों की टीम के साथ बुधवार को नगर पालिका परिषद पर छापेमारी की. 7 घंटे तक डीएम की नगर पालिका में छापेमारी चलती रही. डीएम को नगरपालिका में छापेमारी से पहले शहर के कई इलाकों में गंदगी के ढेर दिखाई दिए, तो पालिका में पहुंचते ही उन्होंने डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कंपनी और शहर भर के सफाई कर्मचारियों को लाइन अप कर लिया. डीएम ने जांच पड़ताल शुरू की तो कूड़ा कलेक्शन कंपनी का बड़ा घोटाला सामने आया. इसके बाद डीएम ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए. बाद में पुलिस ने कंपनी के मैनेजर, फील्ड ऑफिसर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
अब जानिए पूरा मामला
दरअसल संभल जिले के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया बुधवार सुबह लगभग 7 बजे अचानक एडीएम प्रदीप कुमार और एसडीएम विनय मिश्रा के साथ संभल शहर के मुख्य बाजार और कई वॉर्ड्स में औचक निरीक्षण के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्हें शहर के अधिकतर इलाकों और वॉर्ड्स में कूड़े के ढेर लगे हुए दिखाई दिए. ये देख डीएम ने अधीनस्थ अफसरों से नाराजगी जताई. इसके बाद डीएम ने अफसरों के साथ संभल सदर कोतवाली इलाके में स्थित नगर पालिका परिषद के कार्यालय पर छापेमारी की. यहां डीएम ने कार्यालय में पहुंचते ही सबसे पहले डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी और शहर भर के सभी सफाई कर्मचारियों को लाइनअप कर लिया.
संभल डीएम के निर्देश पर सभी सफाई कर्मचारियों को नगर पालिका बुलाया गया और इसी के साथ कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के सुपरवाइजरों और मैनेजर को भी पालिका में कॉल कर लिया गया. डीएम ने सभी सफाईकर्मियों को बुलाकर जांच पड़ताल की तो कई सफाईकर्मियों की जगह प्राइवेट कर्मचारी और उनके रिश्तेदार काम कर रहे थे. इसके बाद डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के मैनेजर और फील्ड ऑफिसर से सूची मांगी, तो कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी श्री बालाजी स्टील एंड बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर संस्था के द्वारा 246 सफाई कर्मचारियों की सूची डीएम को दी गई.
डीएम के सामने आया ये घोटाला
डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में 246 सफाईकर्मियों के लगे होने के बावजूद शहर में कूड़े के ढेर होने पर डीएम को कंपनी की सूची पर शक हुआ तो उन्होंने कूड़ा कलेक्शन कंपनी के कर्मियो को भी नगरपालिका में बुला लिया. लेकिन सफाईकर्मियों को बुलाते ही कंपनी का फर्जीवाड़ा भी खुलकर सामने आ गया. जहां 246 सफाई कर्मचारियों में से केवल 148 कर्मचारी ही नगरपालिका में काम कर रहे थे, जबकि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कंपनी के द्वारा 246 कर्मचारियों की सेलरी निकालकर सरकारी पैसे का गबन किया जा रहा था.
पालिका में जांच पड़ताल के दौरान डीएम ने कूड़ा कलेक्शन वाली कंपनी के सुपरवाइजर के मोबाइल फोन चेक किए तो छापेमारी के दौरान कंपनी के मेनेजर का एक और बड़ा कारनामा सामने आया. डीएम की छापेमारी शुरू होते ही डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन कंपनी के मैनेजर के द्वारा सुपरवाइजरों के वॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज करके कहा गया था कि डीएम की पूछताछ पर सभी लोग अपनी टीम में 4 सफाईकर्मी होने की जानकारी दें.
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इस तरह से डीएम की जांच पड़ताल में कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के परत दर परत फर्जीवाड़े सामने आने के बाद डीएम ने कोतवाली पुलिस को मौके पर बुलाकर कंपनी के मुख्य कर्मियों को हिरासत में लेने के निर्देश. कोतवाली प्रभारी अनुज तोमर और एसएसआई श्रवण कुमार कूड़ा कलेक्शन कंपनी के प्रतिनिधि अरविंद गुप्ता और उदित संक्धार,मैनेजर अंकुश को मौके पर ही हिरासत में ले लिया गया.
इसके बाद डीएम पैंसिया ने बड़े घोटाले की परतें खुलने के बाद कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्शन करने के निर्देश दिए. सदर कोतवाली पुलिस ने पालिका अध्यक्ष आशिया मुशीर की तहरीर के आधार पर कूड़ा कलेक्शन कंपनी के प्रतिनिधि अरविंद गुप्ता और उदित संक्धार, मैनेजर अंकुश और तीन सुपरवाइजर शारिक, इंतजार और सुहैब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. डीएम ने कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के घोटाले की जांच के लिए एडीएम प्रदीप कुमार के नेतृत्व में एक हाई लेवल जांच टीम गठित कर दी है.
डीएम ने ये बताया
डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बताया, "औचक निरीक्षण के दौरान डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी की अनियमिताएं सामने आई हैं. इसमें सभी कर्मचारियों का भौतिक सत्यापन किया गया. बहुत सी ऐसी चीज मिली हैं, जो कि कागजों में शो हो रही हैं, लेकिन मौके पर नहीं हैं. अध्यक्ष के माध्यम से दिए गए पत्र पर छह सदस्य हाई लेवल जांच टीम गठित की गई है और अध्यक्ष की तरफ से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कंपनी के 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी करवाई जा रही है. इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी और इस तरह की अनियमिताओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो लोग इस कंपनी के कर्ताधर्ता थे, उनको गिरफ्तार कराकर भेज दिया गया है."
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