ASI के पूर्व अधिकारी केके मोहम्मद ने बता दिया मथुरा और ज्ञानवापी पर मुसलमान क्या करें
ASI के पूर्व अधिकारी केके मोहम्मद का ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि मथुरा और ज्ञानवापी सहित तीन स्थल मुसलमान स्वेच्छा से सौंप दें. उन्होंने कहा- ये हिंदुओं के लिए मक्का-मदीना जैसे. जानें केके मोहम्मद ने ताजमहल पर क्या कहा?
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भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व रीजनल डायेरक्टर केके मोहम्मद ने देश में चल रहे मंदिर-मस्जिद विवादों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इस बहस को सिर्फ तीन स्थलों तक सीमित रखना चाहिए- राम जन्मभूमि, मथुरा और ज्ञानवापी. केके मोहम्मद का स्पष्ट सुझाव है कि मुसलमानों को स्वेच्छा से ये तीनों स्थल हिंदू समुदाय को सौंप देने चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि ये तीनों स्थान हिंदुओं के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने कि मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना हैं.
'हिंदू समुदाय और मांग न करे'
केके मोहम्मद ने साथ ही हिंदुओं से अपील की कि इन तीन स्थलों के अलावा वे और किसी जगह की मांग न करें. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हिंदू समुदाय स्थानों की लंबी लिस्ट लेकर सामने आता है, तो इससे समस्या सुलझने के बजाय और बढ़ेगी. केके मोहम्मद ने कहा कि एकता का एकमात्र समाधान यही है कि ये तीनों स्थान हिंदू समुदाय को सौंप दिए जाएं और हिंदू अन्य स्थानों की मांग करना बंद कर दें.
अयोध्या विवाद पर भी किया खुलासा
अयोध्या विवाद पर बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह विवाद एक कम्युनिस्ट इतिहासकार के प्रभाव के कारण बढ़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि उस इतिहासकार ने मुस्लिम समुदाय को यह मानने के लिए राजी किया कि मस्जिद के नीचे मंदिर के कोई सबूत नहीं थे, जबकि हकीकत में ज्यादातर मुस्लिम पहले यह मामला सुलझाने को तैयार थे. केके मोहम्मद ने यह भी स्पष्ट किया कि आगरा के ताजमहल को लेकर हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे दावे 'पूरी तरह से झूठे' हैं और यह दावा केवल कट्टरपंथी हिंदू समूहों द्वारा किया जा रहा है.
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