बच्चों को पकड़ कटवाते थे मांस! गाजियाबाद में फैक्ट्री के अंदर दिखा हैरान कर देने वाला नजारा

मयंक गौड़

Ghaziabad: गाजियाबाद में इंटरनेशनल एग्रो फूड्स नाम का स्लॉटर हाउस बना हुआ था. यहां गाजियाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने छापामारी की और यहां से बिहार और बंगाल के 57 बच्चों का रेस्क्यू किया. जानिए पूरा मामला

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UP News: गाजियाबाद के मसूरी में स्थित डासना क्षेत्र में इंटरनेशनल एग्रो फूड्स नाम का स्लॉटर हाउस है. बाहर से देखने में तो सब सही था. मगर इसके अंदर जो काम हो रहा था, उसे जान गाजियाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच भी सकते में आ गई और अब ये मामला चर्चाओं का विषय बना हुआ है. दरअसल गाजियाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच ने इस स्लॉटर हाउस पर छापा मारा और यहां से 57 नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू किया. 

जिन 57 नाबालिगों का रेस्क्यू किया गया है, उसमें से 31 लड़कियां हैं तो वहीं 26 लड़के हैं. ये सभी बंगाल और बिहार के रहने वाले हैं. स्लॉटर हाउस में इनसे जबरन मीट कटिंग और पैकजिंग का काम करवाया जा रहा था. ये सभी बच्चे काफी अमानवीय परिस्थितियों में यहां काम करते हुए पाए गए हैं. इनकी हालत और फैक्ट्री का मंजर देख, पुलिस की टीम भी हैरान रह गई. 

300 रुपये दिहाड़ी पर आकर करवाया जा रहा था काम

मिली जानकारी के मुताबिक, इस सभी नाबालिगों को बिहार और बंगाल से यहां लाया गया था. ये सभी 300 रुपये दिहाड़ी पर काम कर रहे थे. बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली को गाजियाबाद में चल रहे इस स्लॉटर हाउस की शिकायत मिली थी. इसके बाद ही गाजियाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने मिलकर यहां छापा मारा. इस दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षण आयोग की टीम भी मौजूद रही.  

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बताया जा रहा है कि यहां नाबालिग काफी अमानवीय परिस्थितियों में काम कर रहे थे. सवाल ये भी है कि आखिर बंगाल और बिहार से इतनी संख्या में नाबालिग लड़के-लड़कियों को यहां तक लाया कैसे गया? इसके पीछे कौन सा सिंडिकेट काम कर रहा है? फिलहाल पुलिस ने सभी बच्चों को सही सलामत मुक्त करवा लिया है और मामले की पूरी गंभीरता के साथ जांच की जा रही है.

एडीसीपी क्राइम ने क्या बताया?

इस पूरे मामले पर (एडीसीपी क्राइम गाजियाबाद) सच्चिदानंद ने जानकारी देते हुए बताया,  नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को इस पूरे मामले की शिकायत मिली थी. शिकायत में बताया गया था कि गाजियाबाद में स्लॉटर हाउस है, जहां करीब 40 बच्चों को जबरन काम करवाया जा रहा है. मामला गंभीरता था. 

पुलिस अधिकारी ने आगे बताया, 29 मई के दिन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली, अपर पुलिस उपायुक्त अपराध मुक्ति फाउंडेशन, श्रम विभाग, उप जिलाधिकारी, सहायक पुलिस आयुक्त मसूरी, एचडीयू थाना प्रभारी चाइल्ड लाइन टीम की संयुक्त टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान 31 नाबालिक लड़कियों और 26 नाबालिक लड़कों समेत कुल 57 नाबालिक बच्चों को मुक्त करवाया गया. इंटरनेशनल एग्रो फूड्स का मुख्य कारोबार मीट प्रोसेसिंग फ्रीजिंग एक्सपोर्ट का है. उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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