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गुरु को जगाने के लिए सात दिन से समाधि में शिष्या, जिंदा या मुर्दा पर छिड़ा विवाद, जानें क्या कहती है ECG रिपोर्ट

आशीष श्रीवास्तव

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Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आनंद आश्रम में साध्वी गुरु मां आशुतोषअंबारी  ने 28 जनवरी 2024 को समाधि लेकर पूरे देश में सनसनी फैला दी है. आशुतोषअंबारी के शिष्यों का विश्वास गुरु को जागृत करने के बाद वापस अपने शरीर में आएंगे. वहीं डॉक्टर ने कहा बॉडी के पार्ट काम नहीं कर रहे हैं लेकिन एक ईसीजी आ रहा है. आस्था और विज्ञान के बीच लखनऊ में ये घटना चर्चा का विषय बन गया है. 

10 साल पहले गुरु ने ली थी समाधि

बता दें कि समाधि से ठीक पहले उन्होंने अपने शिष्यों के लिए एक वीडियो बनाकर संदेश दिया था कि वह अपने गुरु ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं. उनके मुताबिक 10 साल पहले उनके गुरु आशुतोष महाराज ने समाधि ली थी महाराज को वापस शरीर में ले आएंगे. उनकी चेतना आ जायेगी. उसके बाद मैं वापस अपने शरीर में जीवित हो जाउंगी. बहरहाल, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के अनुयायियों में सबसे पहले समाधि और फिर जिंदा होने का विश्वास उनके गुरु आशुतोष महाराज की वजह से भरा है.

सात दिन से समाधि में शिष्या

गौरतलब है कि लखनऊ की जानकीपुरम सीतापुर रोड स्थित आनंद आश्रम जो किस 25 साल पुराना है. गुरु मां आशुतोष्मबरी ने 28 जनवरी को समाधि ली थी और उससे पहले एक वीडियो भी जारी किया था. वहीं गुरुमां के समाधी लेने के बाद  अब उनके शिष्य गुरु मां साध्वी आशुतोषअंबारी के शरीर को भी सुरक्षित रखने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाल दी गई है.शिष्यों के लिए आस्था के केंद्र है तो कई लोग इस पर सवाल भी खड़ा कर रहे हैं. 

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जानें क्या कहती है ECG रिपोर्ट

बता दें कि ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2014 को समाधि ली थी. समाधि लेने से पहले उन्होंने अपने भक्तों से कहा था कि वह अपने शरीर में फिर से लौटकर आएंगे. उनकी इस बात पर विश्वास करके उनके भक्तों ने अभी तक उनका शरीर सुरक्षित रखा है. वहीं मां आशुतोषअंबारी  के समाधी लेने के बाद बीकेटी के अधीक्षक ने अपनी डाक्टरों टीम भेज कर उनकी जांच की है.जांच में जो बात सामने आई है उसमें कहा गया है कि क्लिनकली बॉडी के पार्ट काम नही कर रहे हैं लेकिन ईसीजी काम कर रही है.

साध्वी आशुतोषअंबारी के समाधि लेने की बात जैसे ही देशभर में फैली, तो लोगों ने इसे पाखंड और अंधविश्वास का नाम दे दिया. हैरानी की बात यह है कि यहां पर गुरु मां के दर्शन के लिए भीड़ लगने लगी है.
 

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