लखनऊ के विराजखंड और मलेसमऊ में LDA बनाएगा नई रिहायशी टाउनशिप, ये सब जानकारी पता चली
Lucknow Devlopment News: लखनऊ विकास प्राधिकरण विराजखंड और मलेसमऊ में वर्षों से खाली पड़ी जमीनों पर नई टाउनशिप विकसित करेगा. जल्द ही निजी बिल्डरों को आमंत्रित करने के लिए टेंडर जारी होंगे.
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Lucknow Devlopment News: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने वर्षों से खाली पड़ी जमीनों का बेहतर उपयोग करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. प्राधिकरण विराजखंड और मलेसमऊ क्षेत्र में नई रिहायशी टाउनशिप विकसित करने की योजना बना रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, एलडीए के उपाध्यक्ष प्रतमेश कुमार ने पुष्टि की कि इन क्षेत्रों में टाउनशिप विकसित करने की योजना अंतिम चरण में है और जल्द ही निजी बिल्डरों को आमंत्रित करने के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा, “हम विस्तृत डिजाइन और प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं. रिपोर्ट के मूल्यांकन के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा. हमारी योजना है कि दो महीने के भीतर ई-टेंडरिंग के माध्यम से प्राइवेट डेवलपर्स को आमंत्रित किया जाए.”
विराजखंड में बनेगा पांच टावर वाला रिहायशी परिसर
विराजखंड में भरवारा फ्लाईओवर के पास 2.5 हेक्टेयर क्षेत्र में पांच से अधिक टावरों वाला रिहायशी परिसर प्रस्तावित है, जिसमें लगभग 500 निवासियों के लिए आवास की व्यवस्था होगी. यह जमीन पहले वृद्धाश्रम के लिए आरक्षित थी, लेकिन वर्षों से परियोजना ठप पड़ी थी और निर्माण शुरू नहीं हो पाया.
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मलेसमऊ में 40 एकड़ में हाईराइज अपार्टमेंट की तैयारी
मलेसमऊ में एलडीए के पास लगभग 40 एकड़ जमीन है, जहां लगभग 400 निवासियों के लिए टाउनशिप विकसित की जाएगी. हालांकि, यह तय नहीं हुआ है कि प्लॉटेड हाउसिंग स्कीम लाई जाए या हाई-राइज अपार्टमेंट बनाए जाएं, लेकिन सूत्रों की मानें तो एलडीए अधिक लाभ और बढ़ती मांग को देखते हुए हाईराइज़ विकल्प की ओर झुकाव रखता है.
बेहतर कनेक्टिविटी से बढ़ेगी निवेशकों की रुचि
मलेसमऊ की शहीद पथ से निकटता को एक बड़ा प्लस प्वाइंट माना जा रहा है. इससे शहर के अन्य हिस्सों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे खरीदार और निवेशक आकर्षित हो सकते हैं.
एलडीए के एक अधिकारी ने गोमतीनगर विस्तार में हाईराइज प्रोजेक्ट्स की सफलता का हवाला देते हुए कहा कि “पिछली परियोजनाओं से मिली बिक्री और राजस्व को देखकर हमें उम्मीद है कि ये नई टाउनशिप भी अच्छा रिटर्न देंगी.”
वर्तमान में एलडीए यह मूल्यांकन कर रहा है कि इन टाउनशिप को स्वयं विकसित करना फायदेमंद होगा या निजी बिल्डरों को निर्माण का अधिकार देकर इसे उनके माध्यम से कराया जाए। इस पर अंतिम निर्णय लेआउट, वित्तीय आकलन और भूमि हस्तांतरण/निर्माण अधिकार की रूपरेखा तय होने के बाद लिया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, एलडीए चालू वित्त वर्ष में ही काम शुरू करना चाहता है ताकि जल्दी राजस्व अर्जित कर खाली पड़ी जमीनों का सही उपयोग किया जा सके.