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लखनऊ के स्टेट कैपिटल रीजन SCR बनने के लिए 380 पन्नों की रिपोर्ट तैयार... इन 5 पड़ोसी जिलों में भी खूब मुनाफा देंगी प्रॉपर्टी

यूपी तक

लखनऊ अब दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) बनेगा. जानें इस महत्वकांक्षी परियोजना में कौन से 6 जिले शामिल होंगे. इसका उद्देश्य क्या है और इसमें क्या-क्या विकास कार्य होंगे.

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Lucknow State Capital Region - SCR
Lucknow State Capital Region - SCR
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Lucknow State Capital Region: दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर अब लखनऊ का भी बड़े पैमाने पर विस्तार किया जाएगा. इसके लिए 'स्टेट कैपिटल रीजन' (SCR) प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. SCR के लिए विस्तृत 380 पन्नों की रिपोर्ट लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपी गई है. इस रिपोर्ट को अब मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा.

क्या है SCR प्रोजेक्ट और कौन से जिले होंगे शामिल?

SCR योजना का लक्ष्य लखनऊ को मजबूत करना और इसके आसपास के क्षेत्रों में संतुलित विकास सुनिश्चित करना है, ताकि इसे देश के अन्य बड़े राजधानी शहरों की तरह बनाया जा सके. इस योजना में छह जिले लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई और सीतापुर को शामिल किया गया है. एलडीए अधिकारियों के मुताबिक, यह योजना दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र से प्रेरित है. इसमें आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक और ग्रीन जोन का मिश्रण होगा.

लखनऊ के पड़ोसी जिलों की जमीन की कीमतें बढ़ जाएंगी!

जिस प्रकार दिल्ली एनसीआर में शामिल शहरों के जमीन के दाम बढ़े हैं, उसी प्रकार ऐसा माना जा रहा है कि SCR योजना लागू होने के बाद उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, हरदोई और सीतापुर के जामीन के दाम में इजाफा देखने को मिलेगा. हालांकि जमीन का कितना दाम बढ़ेगा, ये आने वाला वक्त ही बताएगा.

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नागरिकों से भी मांगे जाएंगे सुझाव

इस परियोजना में लोगों की भागीदारी को भी अहम माना गया है. एलडीए ने एक ऑनलाइन पोर्टल और सुझाव पेटियों के माध्यम से नागरिकों से सुझाव मांगने की योजना बनाई है.

परियोजना में क्या-क्या होगा शामिल?

अधिकारियों ने बताया कि इस योजना का लक्ष्य लखनऊ को आधुनिक बुनियादी ढांचे, रोजगार के नए अवसरों और बेहतर जीवन स्तर के साथ एक वैश्विक स्मार्ट और ग्रीन सिटी में बदलना है. इस योजना की कुछ प्रमुख प्राथमिकताएं इस प्रकार हैं:

  • आसपास के जिलों तक मेट्रो नेटवर्क का विस्तार.
  • राजमार्गों और रिंग रोड को चौड़ा करना.
  • सुलभ आवास परियोजनाओं का निर्माण और स्लम क्षेत्रों का पुनर्विकास.
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना.
  • सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना, औद्योगिक क्षेत्र और SEZ स्थापित करना.
  • स्किल डेवलपमेंट और स्टार्टअप हब बनाना.
  • स्मार्ट परिवहन सुविधाएं (जैसे बीआरटीएस और इलेक्ट्रिक बसें).
  • गोमती नदी के संरक्षण सहित बेहतर जल प्रबंधन.

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