लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर लगा ज्ञानवापी मामले में अभद्र टिप्पणी का आरोप, FIR दर्ज

आशीष श्रीवास्तव

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लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत पर ज्ञानवापी मामले में अभद्र टिप्पणी का आरोप लगा है. इस संबंध में मंगलवार को एबीवीपी के छात्रों ने कैंपस में प्रोफेसर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और उनकी बर्खास्तगी की मांग की. साथ ही मामले में हसनगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है.

यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग प्रोफेसर रविकांत चंदन यू-ट्यूब पर एक सोशल डिबेट में अपनी बात रख रहे थे. इस दौरान उनपर धार्मिक भावना को आहत करने वाला बयान देने का आरोप लगा है. हालांकि प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में हुई चर्चा में एक पुस्तक में लिखी बातों का जिक्र किया था. प्रोफेसर के मुताबिक ये बात किसी और संदर्भ में कही गई थी जिसे गलत तरीके से लिया गया और उनके साथ मॉब लिंचिंग की कोशिश तक की गई.

बताया जा रहा है कि प्रोफेसर पर सोशल मीडिया डिबेट में वाराणसी के ज्ञानव्यापी मस्जिद के मामले में टिप्पणी के साथ ही बाबा विश्वनाथ मंदिर के बारे में धार्मिक टिप्पणी का आरोप लगा. इधर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद एबीवीपी के छात्रों ने प्रोफेसर का घेराव कर दिया और बर्खास्तगी की मांग की.

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मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच करने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है. इधर एक छात्र अमन दुबे ने हसनगंज थाने में प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है.

एबीवीपी के छात्रों की मानें तो प्रोफेसर ने बनारस के जनवापी मस्जिद मामले पर अभद्र टिप्पणी की है, जिसका हवाला एक किताब से दिया है. हालांकि इस किताब की कोई जानकारी नहीं है कि ये सही है या गलत, लेकिन जिस तरीके से हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है उसको लेकर काफी रोष है. ऐसे शिक्षक को यूनिवर्सिटी में रहने का कोई अधिकार नहीं है. उनकी बर्खास्तगी की जानी चाहिए.

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