महिला से 60 लाख लूटने वाले विष्णु गुप्ता को पकड़ने गई पुलिस तो उसने छोड़ दिए पालतू कुत्ते, आगे जो हुआ उसे जान हिल जाएंगे
Kanpur Crime News: कानपुर पुलिस ने उस फ्रॉड आदमी को गिरफ्तार किया है जिसने महिला से 60 लाख रुपये ठगे थे. पुलिस जब अरेस्ट करने पहुंची तो आरोपी ने अपने पालतू कुत्ते छोड़ दिए.
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Kanpur Crime News: मेट्रिमोनियल साइट पर जज बनकर भरोसा जीतने और नर्सिंग ऑफिसर से करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नवाबगंज से पकड़े गए इस शख्स ने करीब 60 लाख रुपए हड़प लिए थे. आरोपी के साथ उसकी कथित पत्नी को भी हिरासत में लिया गया है. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने फर्जी प्रोफाइल बनाकर केजीएमयू की नर्सिंग अधिकारी से संपर्क किया. खुद को जज बताते हुए उसने महीनों बातचीत की और शादी का प्रस्ताव रखा. महिला का विश्वास जीतने के बाद लग्जरी कार दिलाने का झांसा देकर करीब 59.50 लाख रुपए ले लिए.
फरार होने की कोशिश
पीड़िता के मुताबिक, आरोपी ने उसे कानपुर के सिविल लाइंस स्थित मॉल में मिलने बुलाया. वहां फर्जी नंबर प्लेट वाली कार में बैठाकर नकद रकम ली और सिनेमा हॉल में दाखिल होकर बहाना बनाकर भाग निकला. महिला ने तुरंत कर्नलगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई.
380 कैमरों और कॉल डिटेल से खुला राज
डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने 380 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और कॉल डिटेल खंगालीं. जांच के बाद नवाबगंज निवासी 42 वर्षीय विष्णु शंकर गुप्ता और उसकी 33 वर्षीय कथित पत्नी आयुषी गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया.
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गिरफ्तारी से बचने के लिए पुलिस पर छोड़े कुत्ते
पकड़े जाने से बचने के लिए आरोपी दंपती ने पुलिस पर अपने पालतू कुत्ते छोड़ दिए, लेकिन टीम ने उन्हें काबू कर लिया. पूछताछ में जब उन्होंने रकम बरामद कराने से इनकार किया तो पुलिस ने मोहल्ले में गधों पर बैठाकर जुलूस निकालने की चेतावनी दी. बदनामी के डर से आरोपी टूट गया और 42.50 लाख रुपए बरामद कराए गए.
पत्नी को भी पहले बनाया था ताकि का शिकार फिर की शादी
गिरफ्तार आयुषी ने पुलिस को बताया कि वह भी पहले इस ठग की साजिश में फंस चुकी थी. बाद में दोनों ने शादी की, तलाक लिया, लेकिन फिर से साथ रहने लगे.
खुद को आईएएस आईपीएस बात कर कई महिलाओं से ठगी
जांच में सामने आया कि आरोपी सिर्फ एक नहीं, बल्कि 10 से ज्यादा महिलाओं को निशाना बना चुका है. कभी खुद को जज, तो कभी IAS या IPS बताकर वह प्रोफाइल तैयार करता था. भरोसा दिलाने के लिए असली अफसरों की तैनाती तक की जानकारी जुटा लेता था.
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