रात 2 बजे कानपुर के हाथी गांव पहुंची पहलगाम में मारे गए शुभम की बॉडी, आंखों में आंसू भरकर पिता ये बोले
Shubham Dwivedi Kanpur: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी की बॉडी रात 2 बजे कानपुर के हाथी गांव पहुंची. बेटे को देखकर पिता की आंखों से छलके आंसू, कही ये भावुक बात.
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Shubham Dwivedi Kanpur: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात 2 बजे उनके गांव हाथीपुर पहुंचा. बेटे का शव देखकर परिवार और गांव में कोहराम मच गया. शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने नम आंखों से अपने बेटे को अंतिम विदाई दी. पार्थिव शरीर को उसी आंगन में रखा गया, जहां शुभम ने अपने हाथों से बेल का पेड़ लगाया था. आधी रात को भी उस पेड़ की महक फैली हुई थी, लेकिन आंगन से अब घर का चिराग हमेशा के लिए बुझ चुका था.
आंखों में आंसू और दिल में दर्द लिए बोले पिता
शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने बताया, "हम लोग पहलगाम घूमने गए थे. बेटा और बहू घोड़े पर बैठकर ऊपर 'मिनी स्विट्जरलैंड' देखने गए. उन्होंने कहा था, टपापा आप भी चलो. लेकिन मैंने मना कर दिया कि ऊपर चढ़ना तुम्हारी मां को दर्द देगा, इसलिए हम नीचे रुक गए. अगर हम सब साथ होते, तो शायद हम भी मारे जाते.'
उन्होंने कहा, 'मेरे बेटे को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि वो हिंदू था. मेरी बहू ने खुद बताया कि आतंकियों ने पूछा – हिंदू हो या मुसलमान? जैसे ही बेटे ने कहा- हिंदू, उसे गोली मार दी. मेरी बहू ने कहा - मुझे भी मार दो. लेकिन आतंकी बोले - नहीं, तुझे जिंदा छोड़ रहे हैं ताकि मोदी तक बात पहुंचा सके.'
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‘अमित शाह से कहा - अब और किसी का बेटा न जाए’
संजय द्विवेदी ने बताया कि श्रीनगर में उनकी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी. उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे कहा - मेरा बेटा तो चला गया, लेकिन आतंकियों को ऐसा जवाब दीजिए कि पूरी दुनिया देखे कि भारत की सरकार आतंकवाद के सामने झुकती नहीं. गृह मंत्री ने कहा – आपको सब कुछ दिखेगा.'
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'योगी जी ने जो किया, कोई और नहीं करता'
शुभम के पिता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की. उन्होंने कहा, 'योगी जी ने हमारी हर स्तर पर मदद की - कश्मीर में भी और यहां यूपी में भी. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक हर जगह अधिकारियों को कहा कि हमारे साथ खड़े रहें. शायद कोई और मुख्यमंत्री ऐसा नहीं करता.'
मंत्री ने दिया कंधा, महिलाओं का फूट पड़ा गुस्सा
शुभम का पार्थिव शरीर जब गांव पहुंचा, तो ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी. यूपी सरकार में मंत्री राकेश सचान ने शव को कंधा दिया और दर्शन के लिए रखने में मदद की. घर के आंगन में महिलाओं ने कहा, 'हमारे दिल का दर्द आतंकियों को भी मिले. ये वो आग है जो अब ठंडी नहीं पड़ेगी.'
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डिप्टी सीएम ने लखनऊ एयरपोर्ट पर दी श्रद्धांजलि
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने शुभम के पार्थिव शरीर को लखनऊ एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी. वहां से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शव कानपुर पहुंचाया गया. प्रशासन की निगरानी में शव को हाथीपुर गांव लाया गया.
पत्नी एशान्या बोलीं – ‘धर्म पूछकर मारा’
शुभम की पत्नी एशान्या ने पहली बार मीडिया से बात करते हुए बताया, 'हम लोग पहलगाम में हंसी-खुशी बैठे थे, तभी आतंकी आए और शुभम से पूछा – हिंदू हो या मुसलमान? जैसे ही शुभम ने कहा – हिंदू, उन्होंने सिर में गोली मार दी. उन्होंने मुझसे कहा – तुझे छोड़ रहे हैं ताकि जाकर मोदी को बता सको कि यहां क्या हुआ.'