जिस पत्नी अपूर्वा ने तड़पाया आखिरी पल में निशांत को उसपर भी प्यार आया... कानपुर में बैठी मां के बारे में क्यों नहीं सोचा?
मुंबई के एक एनिमेटर निशांत त्रिपाठी ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. मरते वक्त भी पत्नी अपूर्वा से नफरत नहीं कर सके, बल्कि उसे प्यार भरा आखिरी संदेश छोड़ गए.
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मुंबई के एक एनिमेटर निशांत त्रिपाठी ने अपनी जिंदगी खत्म कर ली. मरते वक्त भी पत्नी अपूर्वा से नफरत नहीं कर सके, बल्कि उसे प्यार भरा आखिरी संदेश छोड़ गए. निशांत की मां कानपुर में रहती हैं और उन्होंने बेटे की मौत के बाद पत्नी और उसकी मौसी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है.
"हाय बेब, जब तक तुम ये पढ़ोगी, मैं जा चुका होऊंगा"- निशांत ने आखिरी पलों में भी पत्नी अपूर्वा से जताया प्रेम
41 वर्षीय निशांत त्रिपाठी ने मुंबई के विले पार्ले स्थित होटल में 28 फरवरी को अपनी जिंदगी खत्म कर ली. उन्होंने मरने से पहले अपनी कंपनी की वेबसाइट पर एक नोट भी पोस्ट किया. पत्नी अपूर्वा और उसकी मौसी प्रार्थना को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए निशांत ने लिखा, "हाय बेब, जब तक तुम ये पढ़ोगी, मैं जा चुका होऊंगा. मेरे पास तुम्हें कोसने का मौका था, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा. मैं बस प्यार चुन रहा हूं. मैं तुम्हें पहले भी प्यार करता था, अब भी करता हूं. और जैसा वादा किया था, ये प्यार कभी खत्म नहीं होगा."
मां से की आखिरी गुजारिश
निशांत ने अपने नोट में अपनी मां, भाई और बहन के लिए भी एक संदेश छोड़ा. उन्होंने मां से अपील की कि अपूर्वा और उसकी मौसी को कभी माफ न करें. निशांत ने लिखा, "मां को पता है कि मेरी बाकी तकलीफों के अलावा मेरी मौत की असली वजह अपूर्वा और उसकी मौसी प्रार्थना भी हैं. मैं तुमसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अब मेरी मां के पास मत जाना. वो पहले ही टूट चुकी हैं, उन्हें शांति से शोक मनाने दो."
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होटल रूम में ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का बोर्ड, फिर सन्नाटा...
- निशांत पलघर में रहते थे, लेकिन मौत से तीन दिन पहले विले पार्ले के सहारा होटल में आकर ठहरे थे.
- 28 फरवरी को होटल स्टाफ ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन जवाब नहीं मिला.
- जब मास्टर की से दरवाजा खोला गया, तो निशांत की बॉडी दिखी.
- कमरे के बाहर "डू नॉट डिस्टर्ब" का बोर्ड टंगा था.
पत्नी के खिलाफ केस दर्ज
मुंबई पुलिस ने निशांत की मां की शिकायत पर अपूर्वा और उसकी मौसी के खिलाफ केस दर्ज किया है. पत्नी अपूर्वा पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है. निशांत ने जो राह चुनी वो बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के मामले से मिलती-जुलती है. अतुल ने भी अपनी 24-पेज के नोट में पत्नी और उसके रिश्तेदारों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इन मामलों ने महिलाओं के खिलाफ कानूनी सुरक्षा और पुरुषों के अधिकारों को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है.