कानपुर सड़क हादसा: ट्रैक्टर-ट्रॉली तालाब में गिरने से अब तक 26 की मौत, कई अन्य लोग घायल
कानपुर जिले के साढ़ थाना क्षेत्र में भदेउना गांव के निकट शनिवार को सवारियों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के तालाब में गिर जाने से कम…
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कानपुर जिले के साढ़ थाना क्षेत्र में भदेउना गांव के निकट शनिवार को सवारियों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली के तालाब में गिर जाने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गयी जबकि कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.
गांव वालों के मुताबिक, बच्चे के मुंडन के कार्यक्रम के बाद ट्रैक्टर-ट्रॉली एक ढाबे पर रुकी, जहां सब भोजन किया. इसके बाद ये ट्रैक्टर-ट्रॉली एक शराब के ठेके पर रुकी, जहां पर आदमियों ने शराब पी और ड्राइवर ने भी. ऐसा कहा जा रहा है कि महिलाओं ने शराब पीने से मना किया था, लेकिन किसी ने सुनी नहीं. बता दें कि ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होने की एक यह भी वजह बताई जा रही है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब वह मदद के लिए तालाब में उतरे उनके पैर के नीचे भी कई शव थे. इसके बाद वह खुद भी सुन्न पड़ गए.
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वहीं, गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला ने मीडियाकर्मियों को बताया कि कई घायलों को लाला लाजपत राय (एलएलआर) अस्पताल में ले जाने का सुझाव दिया गया जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य के निर्देश दिए हैं. लखनऊ में जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, सीएम योगी खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं.
उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राकेश सचान और अजीत पाल को मौके पर जाकर राहत कार्यों में तेजी लाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
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वहीं, सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें कहा गया, “उत्तर प्रदेश में लगातार ट्रैक्टर-ट्रॉली से परिवहन चालू है और परिवहन विभाग बेखबर है तथा लगातार मासूमों की जानें जा रहीं हैं.”
मृतकों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए सपा ने कहा है कि सरकार प्रत्येक मृतक परिजनों को 50 लाख और घायलों को पांच लाख का मुआवजा दे तथा घायलों का इलाज कराया जाए.
गौरतलब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में उप्र की राजधानी लखनऊ के बाहरी इलाके में इसी तरह के एक हादसे में दस लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 37 अन्य घायल हो गए थे. लखनऊ का हादसा भी ट्रैक्टर-ट्राली के अनियंत्रित होकर पलट जाने से हुआ था.
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