10 साल में नोएडा के बिल्डरों से पैसे कमाने वाले अफसर और उनके घरवाले अब नहीं बचेंगे! 'मुआवजा घोटाला' में यूं फंसेगे सब!
UP News: नोएडा में किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में बड़ा घोटाला सामने आया है. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है.
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UP News: नोएडा में किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में बड़ा घोटाला सामने आया है. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है. अब जिन अधिकारियों ने बिल्डरों से मोटा पैसा कमाया है, अब वह सभी फंस गए हैं. दरअसल नोएडा में अफसर और बिल्डरों मिल गए और किसानों को तय किए गए रकम से अधिक मुआवजा दिया गया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी गठित की थी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित SIT ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि नोएडा अधिकारियों और बिल्डरों की मिलीभगत के कारण किसानों को तय मुआवजे से ज्यादा दिया गया. माना जा रहा है कि अब इस मामले में आरोपी अधिकारियों, बिल्डर्स और आरोपी किसानों का फंसना तय है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज आदेश देते हुए नई SIT का गठन कर दिया है. इस नई SIT टीम में 3 आईपीएस अधिकारी होंगे. इस टीम में फॉरेंसिक अकाउंटेंट विभाग और इकोनॉमिक ऑफिस विंग (EOW) के अधिकारी भी शामिल होंगे. ये SIT टीम पिछले 10 साल में अधिकारियों और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच करेगी, ताकि किसानों और अधिकारियों की मिलीभगत की सच्चाई सामने आए. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा को मेट्रोपॉलिटन काउंसिल में बदलने पर विचार करने को लेकर भी यूपी सरकार से कहा है.
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क्या है ये पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को नोएडा अधिकारियों के खिलाफ SIT जांच के आदेश दिए. आरोप है कि अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ मिलकर जमीन मालिकों को उनकी हकदारी से ज्यादा मुआवजा दिया. जस्टिस सूर्य कांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने SIT की रिपोर्ट को स्वीकार किया है.
SIT ने आरोपों में प्रारंभिक सबूत पाए हैं. बेंच ने वरिष्ठ IPS अधिकारी एस.बी. शिरडकर की अगुवाई वाली SIT की सिफारिशों को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सौंपने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव को नोएडा को मेट्रोपॉलिटन काउंसिल बनाने पर विचार के लिए, इसे मंत्र परिषद के सामने रखने का निर्देश भी दिया है.
अब नपेंगे भ्रष्टाचारी
SIT की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की नई SIT टीम बनाई है. यह SIT टीम नोएडा अधिकारियों और अन्य लाभार्थियों के बैंक खातों और संपत्तियों की जांच करेगी. इसमें फॉरेंसिक ऑडिटर और आर्थिक अपराध शाखा के विशेषज्ञों की भी मदद ली जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यूपी के DGP तीन IPS अधिकारियों की SIT बनाएंगे. यह SIT पुरानी SIT द्वारा बताए गए मुद्दों की जांच करेगी.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी को चार मामलों की की जांच के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्या जमीन मालिकों को कोर्ट के फैसलों से ज्यादा मुआवजा दिया गया? अगर दिया गया तो इसके लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि क्या नोएडा के अधिकारियों और लाभार्थियों के बीच सांठगांठ थी? क्या नोएडा का कामकाज पारदर्शी, निष्पक्ष और जनहित में है?
गलत अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो- सुप्रीम कोर्ट
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT को तुरंत प्रारंभिक जांच शुरू करने और सांठगांठ के मुद्दे पर गहराई से जांच करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा, अगर SIT को प्रारंभिक जांच में अपराध के सबूत मिलते हैं, तो मामला दर्ज कर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाए. इसी के साथ कोर्ट ने नोएडा में तुरंत सिटीजन एडवाइजरी बोर्ड बनाने का निर्देश भी दिया.
कोर्ट ने कहा, मुख्य सचिव चार सप्ताह में सिटीजन एडवाइजरी बोर्ड गठित करें. नई SIT की रिपोर्ट पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी द्वारा स्टेटस रिपोर्ट के रूप में कोर्ट में जमा की जाएगी. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि नोएडा में कोई भी प्रोजेक्ट बिना पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन और सुप्रीम कोर्ट की ग्रीन बेंच की मंजूरी के शुरू न हो.
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने गलत अधिकारियों के खिलाफ जांच तेज करने के आदेश दिए. अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 सप्ताह बाद होगी.