ग्रेटर नोएडा: 17 दिन तक अस्पताल के फ्रीजर में पड़ी रही डेड बॉडी, ऐसे खुली पोल

अरुण त्यागी

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ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल से एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां मौत के 17 दिन बाद भी एक बुजुर्ग का शव अस्पताल में पड़ा रहा और जिम्स प्रसाशन ने भी सुध नहीं ली. 17 दिन बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, 22 जुलाई को तमन नाम के युवक के द्वारा सेक्टर ईटा 1 में रहने वाले सोहन पाल जिसकी उम्र लगभग 72 वर्ष थी को जिम्स में भर्ती कराया. जिनकी 23 सितंबर को ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई. इसके बाद 17 दिन तक शव अस्पताल के शव गृह में रखा.

एटा के रहने वाले तमन ने बताया कि वह 13 साल से सोहनपाल के साथ रह रहे थे. तमन ने बताया कि वह अकेले रहा करते थे और उनके परिवार में कोई नहीं है. 22 जुलाई को उनकी तबीयत खराब होने पर जिम्स अस्पताल में भर्ती कराया था. ऐसे में डॉक्टरों की निगरानी में दो महीने चले इलाज के दौरान 23 सितंबर 2023 को वृद्ध की मौत हो गई थी.

आरोप है कि मौत की जानकारी प्रबंधन ने किसी को नहीं दी और न ही समय से पुलिस को जानकारी दी गई. पुलिस के मुताबिक, 7 अक्टूबर को मौत की सूचना मिली थी. उन्होंने बताया कि 15 दिन अस्पताल के शव गृह में मृतक का शव पड़ा रहा.

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वहीं, जिम्स के निदेशक डॉक्टर आरके गुप्ता ने बताया कि 22 अगस्त को ईटा सेक्टर में रहने वाला तमन 22 जुलाई को 70 वर्षीय एक बुजुर्ग मरीज को भर्ती करने आए थ, जो कि ब्रेन हेमरेज से ग्रस्त था. ऐसे में डॉक्टरों की निगरानी में 2 महीने तक अस्पताल में निशुल्क इलाज किया गया.

भर्ती करने वाले शख्स से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. जिसके बाद 23 सितंबर को बुजुर्ग की मौत हुई. जिसकी सूचना संबंधित थाने को दी गई.

सुरजपुर कोतवाली प्रभारी अवधेश कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर पंचायतनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए नोएडा के सेक्टर 94 स्थित पोस्टमॉर्टम हाउस शव को भेजा गया. यहां पोस्टमॉर्टम करने से डॉक्टरों ने इनकार कर दिया. उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम के लिए 9 अक्टूबर को दो डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है. जिसके बाद 10 अक्टूबर को वृद्ध के शव का पोस्टमॉर्टम किया गया.

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