बरेली में 7 साल से फर्जी दस्तावेजों पर रह रहा था बांग्लादेशी, 'बंगाली डॉक्टर' बनकर करता था इलाज, पुलिस ने किया गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक बांग्लादेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों के सहारे 7 साल तक रह रहा था और खुद को "बंगाली डॉक्टर" बताकर लोगों का इलाज कर रहा था. पुलिस ने ऑपरेशन क्लीन के तहत उसे गिरफ्तार कर लिया है.
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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक बांग्लादेशी नागरिक ने सात साल तक भारतीय पहचान छुपाकर लोगों को न सिर्फ धोखा दिया, बल्कि खुद को "बंगाली डॉक्टर" बताकर बीमार लोगों का इलाज भी करता रहा. आरोपी ने फर्जी आधार, पैन और वोटर कार्ड जैसे अहम दस्तावेज तैयार कर लिए थे और दिल्ली से लेकर बरेली तक खुद को भारतीय नागरिक बताकर आराम से रह रहा था. खास बात यह है कि उसके पास किसी भी तरह की डॉक्टरी डिग्री नहीं थी फिर भी वह बरेली के एक गांव में छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज कर रहा था. पुलिस ने ‘ऑपरेशन क्लीन’ के तहत कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
क्या कहा एसएसपी अनुराग आर्या ने
पुलिस निरीक्षक (SSP) अनुराग आर्या के ‘ऑपरेशन क्लीन’ अभियान के तहत जब पुलिस ने बरेली के विभिन्न थानों और मोहल्लों में संदिग्ध तत्वों की जांच शुरू की तो उन्हें एक मुखबिर से सूचना मिली. जांच में पता चला कि आरोपी ने लगभग सात सालों पहले दिल्ली में फर्जी पते पर आधार, पैन और वोटर कार्ड बनवाए थे. इससे वह दिल्ली में ‘नागरिक’ के रूप में छिपकर रहा, लेकिन बाद में बरेली आ गया.
खुद को बताया बंगाली डॉक्टर
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने माना कि वह 2017 में वीजा लेकर भारत आया था लेकिन 2018 में उसका वीजा खत्म हो गया. रिन्यूअल नहीं हो पाया और वह बिना वैध दस्तावेजों के ही भारत में रहने लगा. उसने फर्जी आधार, पैन, वोटर कार्ड बनवाकर अभिलेखों का निर्माण किया, फिर खुद को ‘बंगाली डॉक्टर’ बताकर बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के बलिया गांव में रहकर लोगों को छोटी-मोटी दवाएं देने लगा. हालांकि, उसके पास कोई चिकित्सा योग्यता नहीं थी.
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गांव वाले भी यकीन कर बैठे थे
कुछ समय तक उस व्यक्ति को गांव वाले डॉक्टर मानने लगे थे. वह बुखार, सिर दर्द और पेट दर्द जैसे मामूली द्रव्यों के लिए दवाएं दे देता था. इस तरह लोगों का विश्वास जीतकर वह ठगने में माहिर हो गया था लेकिन पुलिस ने समय रहते उसके इस खेल को रोक दिया.
तफ्तीश का विस्तार और गिरफ्तारी
मुखबिर की सूचना पर पुलिस पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उससे फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए और गंभीर धाराओं में उसके खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई. एसएसपी अनुराग आर्या की ऑपरेशन क्लीन योजना के तहत ऐसे मामले अब तक दर्जनों सामने आ चुके हैं, जिसमें विदेशी और नकली पहचान वाले कई अपराधी पकड़ाए जा चुके हैं.
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