बाराबंकी की देवा शरीफ दरगाह भाईचारे की अद्भुत मिसाल, जहां हर साल हिंदू मुस्लिम खेलते हैं होली

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बाराबंकी की देवा शरीफ दरगाह भाईचारे की अद्भुत मिसाल, जहां हर साल हिंदू मुस्लिम खेलते हैं होली
बाराबंकी की देवा शरीफ दरगाह भाईचारे की अद्भुत मिसाल, जहां हर साल हिंदू मुस्लिम खेलते हैं होली
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Barabanki Dewa Sharif: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ घूमने के लिहाज से एक बेहतरीन जगह है. नवाबों का शहर कहे जाने वाली इस जगह में आपको कई ऐतिहासिक स्ठल देखने को मिलते हैं. वहीं, इसके अलावा यह शहर अपने नवाबी खान-पान के लिए भी मशहूर है. ऐसे में आप अब लखनऊ आकर इस शहर को घूमने के बाद कुछ और एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आपके लिए देवा शरीफ एक बेहतरीन जगह हो सकती है. बता दें कि देवा शरीफ लखनऊ से करीब 25 किलोमीटर दूर बाराबांकी जिले में है. यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है.

क्या है इसकी मान्यता?

देवा शरीफ सार्वभौमिक भाईचारे के प्रतीक सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की प्रसिद्ध दरगाह है और अवध के इतिहास में इसका एक विशेष स्थान है. ऐसी मान्यता है कि हाजी वारिस अली शाह के पास रहस्यमय शक्तियां थीं और सभी समुदायों के सदस्य उनका सम्मान करते थे. उनके पिता कुर्बान अली शाह भी एक सूफी संत थे.

इस मजार पर हर साल हिंदू-मुस्लिम खेलते हैं होली

बता दें कि देवा शरीफ की खासियत है कि यह एक बहुत ही शांतिपूर्ण और सुंदर स्थान है. यहां का वातावरण बहुत ही आध्यात्मिक है. ऐसे में श्रद्धालु यहां आकर शांति और सुकून पाते हैं. आपको बता दें कि देवा शरीफ की मजार हिंदू- मुस्लिम एकता की मिसाल है. इसी मजार पर हर साल हिंदू-मुस्लिम मिलकर होली भी खेलते हैं. इसके अलावा देवा शरीफ में हर साल कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. वहीं वार्षिक उर्स के अवसर पर, संत की स्मृति में हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में यहां 10 दिनों का मेला आयोजित किया जाता है, जिसे देवा मेला के रूप में जाना जाता है. इसमें मुशायरा, कवि सम्मेलन, संगीत प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम शामिल हैं.

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