अयोध्या: रामनवमी पर रामलला के माथे पर दिखेगी सूरज की किरणें, 2024 में जन्मोत्सव होगा खास
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. राम भक्तों को भव्य और दिव्य मंदिर में…
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Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. राम भक्तों को भव्य और दिव्य मंदिर में अपने आराध्य के विराजने का इंतजार है. वहीं अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने साफ कर दिया है कि जनवरी 2024 में रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होंगे. मकर संक्रांति के बाद जनवरी के तीसरे सप्ताह में रामलला अस्थाई मंदिर से अपने भव्य और दिव्य मंदिर में आसीन हो जाएंगे. यही नहीं प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के बाद भक्त रामलला का दर्शन पूजन भी कर सकेंगे.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जनवरी 2024 में रमलला मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. बस इसके लिए अभी कोई शुभ दिन नहीं निकाला गया है.
उन्होंने बताया कि अयोध्या का श्री राम जन्मभूमि मंदिर शिल्प कला का भी अद्भुत नमूना होगा. इसके निर्माण के पहले देश के बड़े प्रमुख मंदिरों के निर्माण की शैली को समझा गया और उसके बाद निर्माण से जुड़े विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने पूरा खाका तैयार किया है. मंदिर के निर्माण में ईट और लोहे का प्रयोग नहीं हो रहा है और पूरा मंदिर पत्थरों से तैयार किया जा रहा है. जो एक के ऊपर एक खांचों में फिक्स होंगे. इसके लिए 475000 घनफिट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. इतने पत्थर केवल श्री राम मंदिर के निर्माण में लगेंगे, इसके अलावा रिटेनिंग वॉल और परकोटे में लगने वाले पत्थर अतरिक्त होंगे.
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चंपत राय ने बताया कि रामभक्तों के लिए रामनवमी का दिन दर्शन के लिए बहुत खास होगा क्योंकि इस दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणे रामलला के ललाट को सीधे प्रकाशित करेंगी.
बता दें कि अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि निर्माण कार्यशाला में 1990 से पत्थरों के तराशने का सिलसिला शुरू हुआ और अभी तक जारी है. श्री राम मंदिर में लगने वाले ढाई से पौने तीन लाख घन फिट पत्थरों के तराशने का कार्य अभी भी बाकी है और क्रमबद्ध तरीके से पत्थरों को अभी भी तेजी से तराशा जा रहा है.
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