करोड़ों के PF भुगतान में बड़ा फर्जीवाड़ा! आगरा नगर निगम में मचा हड़कंप! जानें क्या है मामला
आगरा नगर निगम में कथित तौर पर बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है. आरोप है कि शातिर जालसाजों ने निगम अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर बैंक से करोड़ों रुपये का पीएफ भुगतान करवा दिया.
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आगरा नगर निगम में कथित तौर पर बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है. आरोप है कि शातिर जालसाजों ने निगम अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर बैंक से करोड़ों रुपये का पीएफ भुगतान करवा दिया. अनुमान के मुताबिक, करीब 500 कर्मचारियों के खाते से यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया गया. हालांकि राहत की बात यह रही कि यह रकम कर्मचारियों के ही खातों में गई. फिर भी बिना विधिवत स्वीकृति और हस्ताक्षर के यह ट्रांजैक्शन होना कई गंभीर सवाल खड़े करता है.
सूत्रों की मानें, तो जालसाजों ने कुछ ऐसे अधिकारियों के भी फर्जी सिग्नेचर बना दिए जिनका तबादला वर्षों पहले हो चुका था. कई फाइलों में सिर्फ एक अधिकारी के हस्ताक्षर से ही भुगतान कर दिया गया. जबकि नियमानुसार चार अधिकारियों के सिग्नेचर अनिवार्य होते हैं. सवाल यह उठता है कि बिना हस्ताक्षर मिलान किए बैंक ने यह भुगतान कैसे कर दिया? इससे बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता की आशंका गहराती जा रही है.
आगरा नगर निगम परिसर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में निगम कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) खाते संचालित हैं. नियमानुसार निगम से स्वीकृति उपरांत ही बैंक को भुगतान सूची भेजी जाती है, फिर बैंक ट्रांजैक्शन करता है. लेकिन जांच में सामने आया है कि पिछले तीन साल से कई ऐसे ट्रांजैक्शन हो रहे थे, जिनकी कोई स्वीकृति या सूची निगम से भेजी ही नहीं गई थी.
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इस पूरे मामले की जानकारी जैसे ही निगम अधिकारियों को हुई महकमे में हड़कंप मच गया. वित्त एवं लेखा अधिकारी बृजेश कुमार ने स्पष्ट कहा कि बैंक की लापरवाही 100% है. उन्होंने बताया कि बिना अधिकृत सिग्नेचर के किसी भी पीएफ खाते से भुगतान नहीं किया जा सकता. बैंक को भेजी गई सूची के हस्ताक्षरों का मिलान करना बैंक की जिम्मेदारी होती है. उन्होंने बताया है कि निगम स्तर पर अधिकारियों द्वारा ट्रांजैक्शन की पड़ताल की जा रही है. वहीं बैंक भी ट्रांजैक्शन की लिस्ट तैयार कर रहा है.