लोकसभा चुनाव से पहले ही क्यों हो रहा है UP में योगी मंत्रिमंडल विस्तार? जानें इनसाइड स्टोरी
उत्तर प्रदेश में आज यानी मंगलवार को योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. इसे लेकर लगातार सियासी सरगर्मियां बीते 6 महीने से चल रही थीं. माना जा रहा है कि यह मंत्रिमंडल विस्तार छोटा होगा.
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UP Political News: उत्तर प्रदेश में आज यानी मंगलवार को योगी मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. इसे लेकर लगातार सियासी सरगर्मियां बीते 6 महीने से चल रही थीं. माना जा रहा है कि यह मंत्रिमंडल विस्तार छोटा होगा, जिसमें चार से पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. आखिर इस मंत्रिमंडल के मायने क्या हैं और बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले क्यों इसे करने जा रही है? दरअसल, ऐसा कहा जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल विस्तार का सीधा असर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सामाजिक समीकरणों और चुनाव में बड़े इजाफे के तौर पर होगा.
दरअसल, पिछले साल जब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हुए, तब कयास लगाए गए थे कि वह जल्द ही मंत्री बनेंगे. इसके साथ ही वह लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में भाजपा का वोट शेयर बढ़ाने में मदद करेंगे. मगर राजभर के एनडीए में शामिल होने के बाद घोसी में उपचुनाव हुआ, जिसमें भाजपा के दारा सिंह चौहान भी अपना चुनाव हार गए. इसके बाद परिस्थितियों को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार टलता रहा. मगर अब लोकसभा चुनाव के बिगुल से पहले यह मंत्रिमंडल विस्तार काफी प्रासंगिक नजर आ रहा है.
मंत्रिमंडल विस्तार के पीछे क्या है भाजपा की प्लानिंग?
वहीं, अगर बात करें भाजपा की तो वो इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए अपने सामाजिक समीकरणों को साधने में लगी है. ऐसी उम्मीद है कि ओपी राजभर अपने साथ-साथ राजभर बिरादरी का वोट लेकर आए हैं, जिससे चुनाव में एनडीए को मदद मिलेगी. भाजपा के लिए यह उसी तरह फलदाई साबित होगा जैसे 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) चीफ अखिलेश यादव को मऊ और उसके आसपास की 9 सीटों पर हुआ था.
अब तक का यह सबसे छोटा मंत्रिमंडल विस्तार
सूत्रों के मुताबिक, यह बेहद छोटा मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. ओम प्रकाश राजभर के अलावा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से एक विधायक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. वह नाम पुरकाजी के विधायक अनिल कुमार का है. पुरकाजी विधायक अनिल कुमार दलितों बिरादरी से आते हैं. इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए रालोद और भाजपा जाट-गुर्जर और दलित समीकरण साधने की जुगत में है.
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वहीं, भाजपा की तरफ से दारा सिंह चौहान मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस बात का संकेत तभी मिल गया था जब डॉ. दिनेश शर्मा की खाली हुई विधान परिषद की सीट पर भाजपा ने दारा सिंह चौहान को उच्च सदन में भेजा था. दारा सिंह चौहान इससे पहले भी योगी मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे हैं. मगर 2022 चुनाव से पहले इस्तीफा देकर वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. इनके अलावा उम्मीद है कि एक और मंत्री भाजपा से बनाया जा सकता है.
मंत्रिमंडल विस्तार में कम से कम 4 और ज्यादा से ज्यादा 60 मंत्रियों के शामिल होने की चर्चा है. भाजपा सभी सहयोगी दलों को एक-एक एमएलसी का पद देने जा रही है. अपना दल (एस) को एक एमएलसी का पद मिलेगा, जिसमें खुद मंत्री आशीष पटेल एमएलसी बनेंगे. वहीं एक एमएलसी रालोद को दिया गया है. रालोद की तरफ से योगेश चौधरी एमएलसी बनाए जा रहे हैं. सूत्रों की मानें तो एक एमएलसी का पद ओम प्रकाश राजभर की पार्टी को भी मिल सकता है.
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