'जो नवाबों के दौर में नहीं हुआ वो...', सपा में मचे 'महासंग्राम' के बीच पार्टी सांसद का बड़ा बयान
लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासी पिच पर अब नेता खुलकर बल्लेबाजी करते नजर आ रहे हैं.
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Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासी पिच पर अब नेता खुलकर बल्लेबाजी करते नजर आ रहे हैं. क्या अपना क्या पराया...नेताओं का जहां मौका मिल रहा है वह प्रेशर पॉलिटिक्स का मौका गवा नहीं रहे हैं. पहला चरण जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश की राजनीति काफी दिलचस्प नजर आ रही है. खासकर, समाजवादी पार्टी के खेमे में खूब हलचल है. मुरादाबाद और रामपुर सीट पर उम्मीदवारों को लेकर जमकर उलटफेर हो रहा है. उलटफेर के इस दौर के बीच सपा के वरिष्ठ नेता ने बड़ा बयान दिया है.
सपा सांसद का बड़ा बयान
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सांसद जावेद अली खान ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट किया जिसके कई मायने निकाले जाने लगे. जावेद अली खान ने अपने पोस्ट में लिखा कि,' नवाबों के दौर में भी मुरादाबाद कभी रामपुर के आधीन नहीं रहा, अब है.' बता दें कि सपा की तरफ से मुरादाबाद और रामपुर में नामांकन का आखिरी दिन भी उम्मीदवारों पर सहमति नहीं बन पा रही थी. मुरादाबाद में पहले मौजूदा सांसद एसटी हसन को टिकट मिला उन्होंने नामांकन भी किया पर एन वक्त पर उनका टिकट काट दिया गया. उनकी जगह सपा की तरफ से रुचि वीरा को उतारने का फैसला हुआ.
आजम खान की प्रेशर पॉलिटिक्स!
बता दें कि रुचि वीरा सपा के वरिष्ठ नेता आज़म खान की करीबी मानी जाती हैं. जानकारी के मुताबिक आजम खान की नाराजगी की वजह से ही एन वक्त पर सपा को नामांकन के बाद भी अपना उम्मीदवार बदलना पड़ा. कहा जा रहा है कि आजम खान, एसटी हसन से नाराज हैं और इसकी वजह से उन्होंने अखिलेश यादव पर मुरादाबाद से उम्मीदवार बदलने का दबाव बनाया.
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कौन हैं जावेद अली खान
जावेद अली खान समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सांसद हैं. प्रोफेसर रामगोपाल यादव के साथ जावेद अली भी सपा की राष्ट्रीय सियासत का एक खास चेहरा माने जाते रहे हैं. जावेद अली खान मूल रूप से संभल के मिर्जापुर नसरुल्लापुर के रहने वाले हैं. उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया और हैदराबाद की ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है.
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