UP Sanskrit Board 10th Topper Marksheet: संस्कृत बोर्ड के 10वीं टॉपर विद्यांशु के नंबर और मार्कशीट देख चौंक जाएंगे आप 

UP Sanskrit Board 10th Topper Marksheet: मऊ के विद्यांशु शर्मा ने संस्कृत बोर्ड की 10वीं परीक्षा में टॉप कर 93.42% अंक हासिल किए. जानें विद्यांशु की मार्कशीट, परिवार की प्रतिक्रिया और सफलता की कहानी.

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Vidhyanshu Sharma
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UP Sanskrit Board 10th Topper Marksheet: मऊ के विद्यांशु शर्मा ने संस्कृत शिक्षा परिषद की 10वीं की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर पूरे प्रदेश में टॉप किया है. विद्यांशु ने 93.42% अंक हासिल कर अपने जिले का नाम प्रदेश में रोशन किया है. जैसे ही यह खबर सामने आई, बधाई देने वालों का उनके घर तांता लग गया. परिवार के साथ-साथ स्कूल प्रशासन और शिक्षक भी विद्यांशु की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं. अब आप विद्यांशु शर्मा की पूरी कहानी विस्तार से जानिए.

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संस्कृत बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में मऊ के विद्यांशु शर्मा ने कमाल कर दिया है. बता दें कि विद्यांशु शर्मा पूरे प्रदेश में टॉप स्थान पर रहे हैं. उन्हें इस परीक्षा में 93.42% अंक हासिल हुए हैं. विद्यांशु की सफलता की जानकारी मिलते ही उनके घर पर उन्हें बधाई देने वालों भी भीड़ जुट गई है. 

यहां देखें विद्यांशु की मार्कशीट

बता दें कि विद्यांशु को अनिवार्य संस्कृत में 92, साहित्य में 87, हिंदी में 95, सामाजिक विज्ञान में 90, विज्ञान 95, गणित में 97 और अंरेजी में 98 अंक मिले हैं. 

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कौन हैं विद्यांशु शर्मा?

विद्यांशु शर्मा मऊ जिले के मधुबन तहसील क्षेत्र में संचालित ज्ञानोदय संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कमल सागर के छात्र हैं. वह घोसी तहसील क्षेत्र के सोमरीडीह गांव के रहने वाले हैं. विद्यांशु के पिता अनिल कुमार घोसी तहसील क्षेत्र में ही स्थित एक निजी विद्यालय में गणित के शिक्षक हैं. 

पिता ने विद्यांशु के बारे में क्या बताया?

विद्यांशु के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने कक्षा एक से आठ तक घोसी तहसील क्षेत्र के स्वामी विवेकानंद विद्या मंदिर में पढ़ाई की है. उनके मुताबिक, विद्यांशु शुरू से ही पढ़ाई में पहले स्थान पर रहे हैं और पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट खेलने में भी रुचि रखते हैं.  उन्होंने बताया कि विद्यांशु की शुरू से ही रुचि संस्कृत विषय में रही है और वह आगे भी संस्कृत विषय से ही पढ़ाई करके सिविल सेवा में जाना चाहता हैं. विद्यांशु के पिता ने कहा कि वह रोजाना लगभग 6 घंटे पढ़ाई करते थे, जिसके कारण आज उन्हें यह सफलता मिली है. उन्होंने कहा कि विद्यांशु कुल दो भाई और दो बहन हैं, और वह परिवार में सबसे छोटे हैं. 

कैसे मिली विद्यांशु को सफलता?

विद्यांशु की सफलता को लेकर उनके शिक्षक आचार्य बापू नंदन मिश्रा ने बताया कि 'वह हमारे विद्यालय में पढ़ाई कर रहा है. कक्षा में वह हमेशा अव्वल छात्र के रूप में रहा है और उसकी लेखन शैली बहुत ही उत्कृष्ट रही है. उसकी इस उपलब्धि के बाद पूरा विद्यालय परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है और हम सभी आगे भी उसके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं.' 

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