25000 युवाओं को विदेश में जॉब दिलाने की तैयारी... यूपी में काउंसिलिंग का ये पूरा प्लान जान लीजिए
उत्तर प्रदेश सरकार ने 'यूपी रोजगार मिशन' के तहत 2025 में 25,000 युवाओं को विदेशों में और 3 लाख को देश में रोजगार दिलाने का लक्ष्य रखा है. योजना के तहत युवाओं को विदेश जाने से पहले प्रशिक्षण, ओरिएंटेशन, वेबिनार, और सुरक्षा के लिए लोकल गार्जियन व कॉल सेंटर की सुविधा दी जाएगी.
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UP Rojgar Mission 2025: उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को देश ही नहीं अब विदेशों में भी नौकरी के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है. सरकार की मंशा है कि राज्य के युवाओं को वैश्विक स्तर पर कौशल आधारित रोजगार मिले, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें और राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दें सकें. इसी उद्देश्य से ‘यूपी रोजगार मिशन’ के तहत एक विस्तृत योजना तैयार की गई है. मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में राज्य संचालन समिति की बैठक में इस संबंध में कई अहम निर्णय लिए गए. आपको बता दें कि सरकार का लक्ष्य है कि इस साल 25,000 युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाया जाए ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेहतर करियर अवसर मिल सकें.
विदेश में रोजगार के लिए तैयारी
अब सरकार विदेश में नौकरी करने के इच्छुक युवाओं को सिर्फ ट्रेनिंग ही नहीं देगी, बल्कि उन्हें विदेश जाने से पहले की जरूरी तैयारी में भी मदद करेगी. इसके तहत युवाओं को भाषा और तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही, उन्हें ओरिएंटेशन प्रोग्राम, वेबिनार और रोजगार मेलों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. इससे उन्हें विदेश की काम करने की संस्कृति, नियम-कानून और वहां की जिंदगी के बारे में पहले से जानकारी मिल सकेगी.
युवाओं की सुरक्षा पर भी फोकस
उत्तर प्रदेश सरकार केवल विदेशों में नौकरी दिलाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि विदेश जाने वाले युवाओं की सुरक्षा और सहायता को भी उतनी ही गंभीरता से ले रही है. इसके तहत सरकार की ओर से विदेश में काम करने जा रहे हर युवा के लिए स्थानीय संरक्षक (लोकल गार्जियन) की व्यवस्था की जाएगी ताकि वहां पर किसी भी तरह की परेशानी होने पर उन्हें तुरंत सहयोग मिल सके. इसके अलावा, 24 घंटे सक्रिय कॉल सेंटर की सुविधा दी जाएगी जिससे युवा कभी भी संपर्क कर सकते हैं और सहायता प्राप्त कर सकते हैं. युवाओं और सरकार के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन के लिए भारतीय दूतावास के माध्यम से लगातार संपर्क भी बनाए रखा जाएगा. यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि विदेश में काम करने वाले युवाओं को सुरक्षित माहौल और आवश्यक समर्थन मिलता रहे.
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उद्योग संगठनों से सहयोग और रणनीति
रोजगार की संभावनाएं बढ़ाने के लिए सरकार FICCI, ASSOCHAM और CII जैसे प्रमुख उद्योग संगठनों से भी बातचीत करेगी. साथ ही भविष्य में आने वाली नई नौकरियों और कौशल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लोंग टर्म रणनीति बनाई जाएगी.
विदेशी कंपनियों से संपर्क के लिए रोड शो
यूपी सरकार अब विदेशों में नौकरी के बेहतर मौके तलाशने के लिए विदेशी कंपनियों से सीधे संपर्क करेगी. इसके लिए सरकार रोड शो, प्रतिनिधिमंडल यात्राएं और इंडस्ट्री मीटिंग्स जैसे कार्यक्रम आयोजित करेगी. इन गतिविधियों से यह समझने में मदद मिलेगी कि विदेशों में किस तरह की नौकरियों की मांग है, ताकि युवाओं को उसी हिसाब से ट्रेनिंग दी जा सके.
बता दें कि रोजगार मिशन के तहत साल 2024 में 5978 निर्माण श्रमिकों को इजरायल भेजा गया था, जिन्होंने करीब 1400 करोड़ रुपये भारत भेजे. यह न केवल युवाओं की आमदनी में बढ़ोतरी है बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने में सहायक है.
इस साल के लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2025 के लिए रोजगार मिशन के तहत महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं. सरकार का उद्देश्य है कि इस साल 25,000 युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर दिलाए जाएं, जिससे वे न केवल आत्मनिर्भर बनें बल्कि देश के लिए भी विदेशी मुद्रा ला सकें. इसके साथ ही, देश के अंदर भी 3 लाख युवाओं को नौकरी दिलाने की योजना है ताकि राज्य में बेरोजगारी की समस्या को कम किया जा सके. इसके अलावा, 4 लाख युवाओं की करियर काउंसलिंग कराने का लक्ष्य रखा गया है ताकि वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार सही करियर दिशा चुन सकें और भविष्य में बेहतर अवसर हासिल कर सकें.
सुझाव और कार्ययोजना
बैठक में निदेशक सेवायोजन नेहा प्रकाश ने आगामी साल की वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की. प्रमुख सचिव आलोक कुमार, डॉ. हरिओम और रविन्द्र कुमार ने योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए. यह योजना प्रदेश के उन युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकती है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार प्राप्त करने का सपना देखते हैं. सरकार की यह पहल न सिर्फ बेरोजगारी कम करेगी बल्कि उत्तर प्रदेश को ग्लोबल वर्कफोर्स का हब बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगी.