अतीक और अशरफ को ढेर करने के बाद इसलिए नहीं भाग पाए थे हमलावर, खुद बताई ये वजह

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Atiq Ahmed Murder Case: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस से कई खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि वे अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपनी पहचान बनाना चाहते थे। इस हत्याकांड के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में इस बात का उल्लेख है. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले में लवलेश तिवारी (बांदा), मोहित उर्फ सनी (हमीरपुर) और अरुण मौर्य (कासगंज-एटा) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. ये एफआईआर धूमनगंज थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार मौर्य ने शाहगंज थाने में दर्ज कराई है.

एफआईआर के अनुसार पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने कहा, ‘‘हम अतीक और अशरफ गिरोह का सफाया कर प्रदेश में अपने नाम की पहचान बनाना चाहते थे, जिसका लाभ भविष्य में निश्चित रूप से मिलता. हम पुलिस के घेरे का अनुमान नहीं लगा पाए और हत्या करने के बाद भागने में सफल नहीं हो पाए. पुलिस की तेजी से की गई कार्रवाई में हम लोग पकड़े गए.”

पुलिस की एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि इसी दौरान गोलीबारी में लवलेश को भी गोली लगी है और उसका इलाज स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में चल रहा है.

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